
RPSC Examination Bribe Case
RPSC Examination Bribe Case : राज्य घूमंतु जाति बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गोपाल केसावत अपने को सरकार में ओएसडी बताता था। उसके दलाल ने परिवादी से रिश्वत लेने के लिए आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा के साथ संगीता आर्य का भी नाम लिया था। एसीबी के उप अधीक्षक राजेश जांगिड़ ने जब परिवादी का फूपा बनकर दलाल अनिल धरेन्द्र से पूछा कि रुपए किसको दोगे..। दलाल ने जवाब दिया कि संगीता आर्य को देंगे।
एसीबी की एफआइआर में लिखा है कि परिवादी से पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य की पत्नी आरपीएससी सदस्य संगीता आर्य के अलावा मंजू शर्मा तथा एक अन्य व्यक्ति सुरजीत मल के नाम से भी रुपए मांगे थे। राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त पद पर रह चुका केसावत दलालों को इनसभी से अपनी अच्छी जानकारी बताता था।
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एसीबी ने एफआइआर में लिखा है कि केसावत का आरपीएससी में किस-किस सदस्य से संपर्क है, इसकी जांच की जानी है। किस सदस्य से नौकरी लगवाने के नाम पर मोबाइल पर बात की या चैट के माध्यम से सम्पर्क किया। इन सबका खुलासा कर आरपीएससी की परीक्षाओं में चल रही धांधली का पर्दाफाश करने के लिए केसावत के मोबाइल की जांच करना जरूरी है। केसावत के आगे की चेन इस पड़ताल के बाद ही सामने आएगी।
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एसीबी ने राज्य घुमंतू जाति कल्याण बोड के पूर्व अध्यक्ष गोपाल केसावत सहित चार जनों की गिरफ्तारी के 28 घंटे बाद ही आरपीएससी को क्लीन चिट तो दे दी, लेकिन इसके बाद हर कोई एसीबी की जांच को लेकर चर्चा कर रहा है। एसीबी ने अभी मामले में जांच अधिकारी ही नियुक्त किया है। जांच अधिकारी विजय सिंह ने पड़ताल शुरू नहीं की उससे पहले ही क्लीन चिट कैसे मिल गई। इसे जुड़े सवालों पर डीजी एसीबी हेमंत प्रियदर्शी ने ये दिया जवाब....
सवाल...दो दिन में कैसे जांच हुई, जिसमें आरपीएससी को क्लीन चिट दी
डीजी : अनुसंधान का विषय है...आपको नहीं बता सकते
सवाल : एसीबी ने किस आधार पर दो दिन में अनुसंधान कर आरपीएससी को क्लीन चिट दे दी?
डीजी : क्लीन चिट नहीं, दो दिन की जांच में आरपीएससी के किसी सदस्य, अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत सामने नहीं आना बताया था। अब भी यह बात कह रहा हूं। अनुसंधान जारी है। लेकिन दो दिन में कैसे किया...यह भी अनुसंधान का विषय है और आपको नहीं बता सकते।
सवाल : एफआइआर में आरपीएससी सदस्यों का नाम कैसे आया?
डीजी : आपने एफआइआर देखी क्या, पहले एफआइआर देख लो।
सवाल : परिवादी ने ऐसा क्या बताया कि आरपीएससी सदस्यों का नाम एफआइआर में आया?
डीजी : एसीबी मेें परिवादी लिखित में शिकायत देते हैं। उस शिकायत पर एफआइआर दर्ज करते हैं। इसमें भी परिवादी ने जो शिकायत दी थी, वहीं दर्ज की है। तथ्य जांच में सामने आ जाएंगे।
सवाल : जांच किसको सौंपी है और आरोपियों की कॉल डिटेल, चैट व आरपीएससी में आने जाने वाले रिकॉर्ड की जांच की जाएगी?
डीजी : जांच एएसपी विजय सिंह मीना करेंगे। जांच क्या करनी है, इसकी पहले से सूची तैयार नहीं होती है। जांच में जो भी सामने आएगा, उसकी तस्दीक हम करेंगे।
Published on:
18 Jul 2023 07:10 am
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