
जयपुर। रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद चिकित्सक को अपनी नौकरी की चिंता सता रही थी। पूछताछ में उसने एसीबी अधिकारियों से कहा कि गलती हो गई, मेरी तो अब छह माह की ही नौकरी बची है। एक दिन पहले गिरफ्तार इस चिकित्सक को एसीबी ने अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। एसीबी ने घर की तलाशी भी, लेकिन वहां कुछ विशेष नहीं मिला।
सेठी कॉलोनी स्थित सेटेलाइट अस्पताल के चिकित्सक बी.एल.मीना को ब्यूरो ने शुक्रवार को आठ हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। पहले वह रिश्वत के आरोप नकारता रहा। बाद में कहा कि वर्षों की बेदाग नौकरी थी। अब छह माह रहे हैं। गलती हो गई। ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि वह छह माह बाद सेवानिवृत्त होगा। यहां सेठी कॉलोनी अस्पातल में बी.एल.मीना लम्बे समय से तैनात थे। वर्ष 2012 में कुछ माह के लिए उनका तबादला हुआ था, लेकिन फिर वापस यहीं पोस्टिंग करवा ली थी।
यह है मामला
24 अक्टूबर को सड़क दुर्घटना में पावटा निवासी परिवादी बृजकुमार व उसकी पत्नी घायल हो गए। पावटा में प्रथमिक उपचार के बाद पत्नी को लेकर बृजकुमार जयपुर में महिला चिकित्सालय पहुंचा। यहां पता चला कि गर्भ में पल रहा 7 महीने का बच्चा मर चुका है। क्लेम के लिए बच्चे का पोस्टमार्टम कराना जरूरी था, इसलिए वह सेठी कॉलोनी स्थित एसआर गोयल अस्पताल (सेटेलाइट) में पहुंचा। वहां डॉ. बीएल मीणा ने पोस्टर्माटम तो कर दिया लेकिन रिपोर्ट देने के लिए रिश्वत मांगने लगा। पीडित ने इसकी शिकायत एसीबी में की। एसीबी टीम ने मीणाा को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। आरोपित चिकित्सक से रिश्वत के 8 हजार रुपए बरामद हुए।
Published on:
28 Oct 2017 07:45 pm
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