
जयपुर। सात वर्ष पुराने दुष्कर्म के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री निहालचंद मेघवाल को अदालत ने राहत दी है। एडीजे-7 अदालत ने शनिवार को पीड़िता की रिवीजन याचिका को ख़ारिज कर दिया। सिरसा निवासी पीडिता ने वर्ष 2011 में पूर्व केंद्रीय मंत्री निहालचंद पर वैशाली नगर थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। जिसमें निहालचंद मेघवाल, जोगेश्वर गर्ग, प्रकाश पुंज गर्ग, सतीश सिंगोदिया, राधेराम गोदारा सहित 17 लोगों पर दुष्कर्म आरोप लगाया था। जिस पर पुलिस ने जांच के बाद एफआर लगा दी थी। इसके खिलाफ पीड़िता ने अदालत में प्रोटेस्ट पिटीशन दायर किया था। जिसे भी शनिवार को अदालत ने खारिज कर दिया।
यह है मामला
पीडि़ता की ओर से दायर याचिका के अनुसार वर्ष 2010 में उसका विवाह ओमप्रकाश से हुआ था। वह जयपुर में रहती थी। पति राजनीतिक हितों को पूरा करने के लिए उसे नशीला पदार्थ खिलाने लगा और बेहोशी की हालत में उसके साथ दुष्कर्म किया जाने लगा। नवम्बर 2011 में जयपुर के वैशाली नगर थाने में एफआईआर दर्ज हुई, जिसे पुलिस ने झूठा बताते हुए एफआर पेश कर दी। इसे निचली अदालत ने स्वीकार कर लिया। इसी के खिलाफ यह अपील की गई थी।
प्रधानमंत्री मोदी को लिखा था पत्र
राष्ट्रीय महिला आयोग ने दुष्कर्म के आरोपों का सामना कर रहे केंद्रीय मंत्री मेघवाल के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था। पत्र में आयोग ने मेघवाल को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की थी। पीडि़त महिला ने भी निहालचंद को मंत्री पद से हटाने की मांग की है। पीडि़ता का आरोप है कि निहालचंद के लोग उस पर केस वापस लेने के लिए दवाब डाल रहे हैं। उसे धमकियां दी जा रही हैं।
Updated on:
28 Oct 2017 05:18 pm
Published on:
28 Oct 2017 05:16 pm
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