जयपुर

Adhik Maas 2023 End: श्रावण अधिकमास का समापन, पर्वों की शुरुआत, जानिए कब लगेगा अगला अधिकमास

Adhik Maas 2023 End: भगवान विष्णु की आराधना और धार्मिक कथाओं के लिए खास 18 जुलाई से शुरू हुए अधिकमास का समापन हो चुका है।

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Aug 19, 2023
chaturmas 2023 date

जयपुर/पत्रिका न्यूज नेटवर्क। Adhik Maas 2023 End: भगवान विष्णु की आराधना और धार्मिक कथाओं के लिए खास 18 जुलाई से शुरू हुए अधिकमास का समापन हो चुका है। इसके साथ ही भोलेनाथ की आराधना के सबसे प्रिय माह सावन शुक्ल पक्ष की शुरुआत हो चुकी है। शहर में दो दर्जन से अधिक जगहों पर रामायण-भागवत पारायण पाठों की पूर्णाहुति शुक्रवार को हुई। ज्योतिषविदों के मुताबिक सावन माह का समापन 31 अगस्त को रक्षाबंधन के साथ होगा। 19 साल बाद दुर्लभ संयोग होने के चलते इस बार सावन की अवधि कुल 59 दिन की है। वहीं अगला अधिकमास 17 मई 2026 से शुरू होकर 15 जून तक रहेगा। 2026 में अधिकमास की शुरुआत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होगी।

ज्योतिषाचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड़ के मुताबिक विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे कार्यों पर फिलहाल रोक रहेगी। शुद्ध सावन की शुरुआत के साथ ही भोलेनाथ की आराधना के लिए विशेष दो सोमवार 21 और 28 अगस्त को रहेंगे। पहले सोमवार को नाग पंचमी का शुभ संयोग और दूसरे सोमवार को सोम प्रदोष तिथि का शुभ संयोग रहेगा। हरियाली तीज, नाग पंचमी, पुत्रदा एकादशी, सोम प्रदोष व्रत व रक्षाबंधन सहित कुल नौ पर्व होंगे।

सातवें सोमवार पर रहेगी नागपंचमी: श्रावण के सातवें सोमवार को नागपंचमी का पर्व रहेगा। इस दौरान कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए अनंत, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट, शंख, कालिया और पिंगल नामक देव नागों की पूजा की जाएगी। गलता रोड, नाहरगढ़ सहित अन्य जगहों पर नाग देवताओं की पूजा अर्चना के साथ ही दूध पिलाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं. राजेंद्र शर्मा ने बताया कि नागपंचमी पूजन के लिए घर के दरवाजे के दोनों तरफ नाग की आकृति बनाकर घी, दूध और जल से तर्पण करें। पूजा अर्चना के साथ ही भोग लगाए। इससे काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है। धार्मिक मान्यतानुसार इस दिन नाग देवता को दूध अर्पित किया जाता है। नाग देवता प्रत्येक देवी-देवता के विराट रूप में कहीं ना कहीं मौजूद हैं।

Published on:
19 Aug 2023 11:29 am
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