
किसान, पत्रिका फोटो
राजस्थान में इस बार जुलाई माह में ही दक्षिण पश्चिमी मानसून जमकर मेहरबान हुआ। तय वक्त से पहले प्रदेश में हुई मानसून की एंट्री ने इस साल अच्छे मानसून की आस जगाई वहीं जुलाई के बाद अब अगस्त माह में बादलों की आवाजाही रहने के बावजूद भी उम्मीद से कम बारिश हो रही है। दूसरी तरफ प्रदेश के 12 जिलों में बारिश का आकंड़ा सामान्य रहने और अगस्त में मानसून की बेरुखी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। खेतों में बुवाई के बाद अब बारिश नहीं होने से फसलों के नुकसान की आशंका को लेकर किसान भयभीत हैं।
प्रदेश के 41 जिलों में से 10 जिलों में इस बार मानसून में असामान्य बारिश हुई। यानि जिलों में सामान्य से 60 फीसदी या उससे भी ज्यादा बारिश दर्ज की गई। वहीं 19 जिलों में एक जून से 19 अगस्त तक सामान्य से 59 फीसदी तक ज्यादा बारिश दर्ज हुई। दूसरी तरफ प्रदेश के 12 जिलों में बारिश का आकंड़ा सामान्य रहा है।
अगस्त में बारिश नहीं होने से खरीफ फसलें सूखने की कगार पर हैं। जिससे किसानों में मायूसी हैं। प्रदेश में इस बार सर्वाधिक मक्के एवं सोयाबीन की बुवाई हुई हैं। अभी यह खरीफ की लहलहाती फसल सूखने की कगार पर होने से किसान परेशान हैं। बारिश नहीं होने की वजह से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। काश्तकारों के अनुसार बारिश की कमी के कारण फसलें जलने के कगार पर पहुंच गई हैं। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान होने की संभावना हो गई है।
राजस्थान में बांसवाड़ा,बाड़मेर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़,डूंगरपुर, जैसलमेर, खैरथल- तिजारा, कोटपूतली- बहरोड़, प्रतापगढ़, सलूंबर , सिरोही और उदयपुर जिले में इस बार सीजन में अब तक बारिश का आकंड़ा सामान्य रहा है। ऐसे में आगामी दिनों में बारिश नहीं होने पर खरीफ की फसलों को नुकसान होना तय है।
मौसम विभाग ने बुधवार को श्रीगंगानगर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, झालावाड़, कोटा, बारां, बूंदी, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, उदयपुर, सिरोही, धौलपुर, भरतपुर,करौली, अलवर,दौसा, जयपुर और सीकर जिले में कहीं कहीं हल्की बारिश होने की संभावना को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है।
Published on:
20 Aug 2025 01:48 pm
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