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अजमेर रोड हादसाः मिसाइल जैसे उड़े सिलेंडर, घरों-खेतों में मचा हाहाकर, आखिर शब्द थे… मुझे बचा लो…

Jaipur-Ajmer Highway Cylinder Blast Update: प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसे के बाद टैंकर चालक के मुंह से आखिरी शब्द निकले – “मुझे बचा लो… बचा लो…” — लेकिन तब तक आग ने सब कुछ अपनी चपेट में ले लिया।

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Photo - Patrika

Ajmer Road Accident Update: जयपुर-अजमेर हाईवे बुधवार सुबह एक बार फिर चीख-पुकार और आग की लपटों से गूंज उठा। केमिकल से भरे टैंकर और गैस सिलेंडर से लदे ट्रक में हुई टक्कर के बाद ऐसा धमाका हुआ कि आसपास के गांवों में धरती तक कांप उठी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसे के बाद टैंकर चालक के मुंह से आखिरी शब्द निकले – “मुझे बचा लो… बचा लो…” — लेकिन तब तक आग ने सब कुछ अपनी चपेट में ले लिया।

करीब 200 सिलेंडर एक के बाद एक फटने लगे। धमाकों की गूंज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। पास के ढाबों में काम कर रहे लोग जान बचाकर भागे, जबकि कई सिलेंडर हवा में उड़कर खेतों और घरों की छतों पर जा गिरे। लोगों का कहना था कि सिलेंडर ऐसे उड़ रहे थे जैसे मिसाइलें आसमान में जा रही हों।

हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, फायर ब्रिगेड और SDRF की टीमें मौके पर पहुंचीं। आग पर काबू पाने के लिए टैंकर पर लगातार पानी का छिड़काव किया गया। केमिकल टैंकर से भाप और धुआं उठता रहा, जिससे रेस्क्यू टीमों को भी नाक में रुमाल बांधकर काम करना पड़ा।

फायर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि केमिकल का तापमान बेहद तेज था, इसलिए उसे ठंडा करने में करीब सात घंटे लग गए। हाईवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो गया। शाम होते-होते जब केमिकल का तापमान नियंत्रित हुआ, तब जाकर सड़क को ट्रैफिक के लिए खोला गया।

हादसे में फिलहाल एक व्यक्ति की मौत और कई के घायल होने की पुष्टि हुई है। मौके पर बचाव कार्य देर रात तक जारी रहा। यह घटना फिर एक बार सवाल खड़ा करती है कि आखिर खतरनाक केमिकल और सिलेंडरों के परिवहन में इतनी लापरवाही क्यों बरती जाती है।