
Akha Teej 2018: Things You should Donate on Akshaya Tritiya 2018
जयपुर। हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का खासा महत्व है। इसे आखा तीज भी कहा जाता है। एक मान्यता के अनुसार सतयुग का प्रारंभ इसी दिन हुआ था। भगवान विष्णु ने परशुराम का अवतार भी इस दिन लिया था। इस कारण इसे परशुराम तिथि भी कहते हैं। इस तृतीया को ईश्वर तिथि भी कहा जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि वेदव्यास ने आज ही के दिन से महाभारत लिखने की शुरुआत की थी। अक्षय का अर्थ होता है जो कभी क्षय ना हो यानी स्थायी रहे और सत्य ही हमेशा स्थायी रह सकता है। ये भी सच है कि सत्य सिर्फ परमात्मा है और परमात्मा ही अक्षय, अखंड और व्यापक है। इसी वजह से इस दिन किए गए काम का फल दोगुना और कभी न खत्म होने वाला होता है।
अक्षय तृतीया पर दान का भी विशेष महत्व है। इस दिन जौ, सत्तू, ककड़ी और चने की दाल अर्पित की जाती है। ब्राह्मणों को दान करने से विशेष लाभ होता है। गरीबों को शरबत, ठंडा दूध, चप्पल और छाते का दान करना भी शुभ माना गया है। इस दिन सोना खरीदने से वह अक्षय रहता है मतलब कभी न खत्म होने वाला... इस तिथि को किए गए जप, तप, हवन, पूजा और दान का फल कई गुना बढ़ जाता है। पंडित राजेश शर्मा के अनुसार इस दिन हमें सद्गुणों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए और जाने अनजाने में किए गए पापों की क्षमा मांगनी चाहिए।
ये सात दान करना रहेगा सौभाग्यशाली
जल दान— ब्राह्मणों को जलदान करने से अकूत संपत्ति हासिल होती है।
वस्त्र दान— गरीब और असमर्थ लोगों को वस्त्र दान करने से आयु लंबी होती है।
कुमकुम दान— कुमकुम दान करने से पति की उम्र में बढ़ोतरी होती है और जिंदगी में अच्छा मुकाम प्राप्त होता है।
चंदन दान— दुर्घटनाओं से बचने के लिए अक्षय तृतीया पर चंदन दान करना चाहिए।
नारियल दान— इस दान से अगली सात पुश्तें नरक जाने से बच जाती हैं।
छाछ दान— छात्रों को पढ़ाई में सफलता के लिए छाछ दान करनी चाहिए।
पिंडदान— पौराणिक मान्यता है कि इस दिन पितृ पक्ष को किया गया तर्पण और पिंडदान या कोई भी दान अक्षय फल देता है।
Published on:
15 Apr 2018 03:40 pm
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