
जयपुर। मेष संक्रांति पर शनिवार को सूर्य के मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश के साथ ही मलमास खत्म हो गया। अब शादी-विवाह सहित अन्य शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे। शनिवार को सुबह 8 बजकर 14 मिनट पर सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में आ गया। अब अक्षय तृतीया यानी 18 अप्रेल से शहनाइयां बजनी शुरू हो जाएंगी।
सर्राफा बाजार से लेकर कपड़ा मार्केट में बढ़ी चहल-पहल
मीन मलमास के खत्म होने के साथ ही शनिवार को बाजार में रौनक दिखना शुरू हो गई। 18 अप्रेल को अक्षय तृतीया के अबूझ सावे से दुकानदार उत्साहित नजर आए। अक्षय तृतीया पर खरीद चिरस्थायी व फलदायी होने से पहले ही दिन बाजारों में लोगों की भीड़ नजर आई।
वहीं शहर के अधिकांश विवाह स्थल पहले ही बुक हो चुके हैं। ज्वैलरी व इलेक्ट्रॉनिक्स के शोरूमों पर भी कई दिन बाद रौनक लौटी है। अपे्रल के बाद जुलाई में भी खूब शादियां हैं। मई और जून में शादियां कम होंगी। साथ ही 16 मई से 13 जून अधिकमास होने से शादियां नहीं होंगी। बाजारों में स्थानीय लोगों के साथ ही आसपास के ग्रामीण खरीदारी के लिए पहुंचे।
महंगाई ने हिसाब बिगाड़ा, लेकिन प्रभाव नहीं
शादी-ब्याहों वाले घरों का सोने में आई तेजी से हिसाब बिगड़ गया, लेकिन खरीदारी में वे कोई कटौती नहीं कर रहे हैं। सोने के प्रति 10 ग्राम में महीने भर में 1000 रुपए की तेजी आई है। सराफा कारोबारियों की मानें तो यह बढ़ोतरी आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी। हालांकि इस बढ़ोतरी से खरीदारी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
कपड़ा बाजार की मंदी होगी खत्म
शादियों का सीजन होने से कपड़ा बाजार में रौनक लौटेगी। कपड़ा व्यापारी कुंदन लाल पठानी का कहना है कि युवाओं से लेकर महिलाएं और बच्चे अपनी पसंद के कपड़े खरीदने आ रहे रहे हैं। बीते एक माह से कपड़ा बाजार में मंदी की मार थी। अब खरीदारी शुरू हो गई है।
इस बार अच्छी खरीदारी की उम्मीद है। बाजार में रौनक है। सोमवार से बाजार में और रौनक बढ़ेगी।
-कैलाश मित्तल, अध्यक्ष, सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी
18 अप्रेल को अबूझ सावा है। इस दिन अधिकतर मैरिज गार्डन बुक हैं। मई-जून में मैरिज गार्डन की बुकिंग कम है और जुलाई में फिर से मौजूदा स्थिति ही हो जाएगी।
-पर्वत सिंह भाटी, उपाध्यक्ष, जयपुर विवाह स्थल समिति
ऐसी मान्यता है कि इस दिन त्रेया युग का प्रारंभ हुआ था। इस दिन किए गए शुभ कार्यों का फल अनंत होता है। इस दिन कई लोग दान पुण्य करते हैं और इनका फल जीवन में सुख सम्पति देने वाला होता है। मांगलिक कार्यों में यह दिन श्रेष्ठ माना गया है। इतना ही नहीं जीवन दिनचर्या के लिए भी इस दिन का विशेष महत्व है।
-घनश्याम लाल स्वर्णकार, ज्योतिर्विद्
Updated on:
15 Apr 2018 10:54 am
Published on:
15 Apr 2018 10:49 am
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