गोपाष्टमी के अवसर पर आज नगर निगम और अक्षयपात्र के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर हुए। एमओयू समारोह में मुख्यमंत्री, नगर निगम महापौर और अक्षयपात्र फाउंडेशन के पदाधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने हिंगोनिया गौशाला की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जानकारी के अनुसार निगम 19 साल की अवधि के लिए गौशाला का संचालन अक्षय पात्र फाउंडेशन को सौंप दिया है। एमओयू शर्तों के मुताबिक प्रत्येक 6 महीने में इसके भाव बदले जाएंगे। प्रत्येक वर्ष के मई और नवम्बर महीने में प्रति पशु कितना भुगतान किया जाना है इसमें बदलाव होगा।
आज होने वाले एमओयू में जुलाई 2017 से आगे के 6 महीने के लिए चारे की दर और प्रति पशु कितना भुगतान होगा, ये तय किया गया है। अक्षय पात्र फाउंडेशन हिंगोनिया गौशाला में कारकस प्लांट बनवाएगा। कारकस प्लांट का निर्माण बिल्ट ऑपरेट एंड ट्रांसफर (बीओटी) आधार पर होगा। फाउंडेशन भविष्य में जरूरत पडऩे पर हिंगोनिया गौशाला में नए काउ शेड्स का निर्माण करवा सकता है, लेकिन उसके लिए नगर निगम से अनुमति लेनी होगी।
शुरुआत में 6 महीने के लिए सौंपी थी गौशाला
नगर निगम ने एक अक्टूबर 2016 को हिंगोनिया गौशाला का संचालन अक्षय पात्र को सौंपा था। शुरुआत में 6 महीने के लिए गौशाला अक्षयपात्र को दी गई थी। मार्च 2017 में यह अवधि पूरी होने पर इसे 30 सितम्बर 2017 तक बढ़ा दिया गया था। अक्षयपात्र को संचालन सौंपे जाने के बाद से अब तक 12 हजार से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है। हिंगोनिया में गायों की मौत का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है।
नगर निगम ने एक अक्टूबर 2016 को हिंगोनिया गौशाला का संचालन अक्षय पात्र को सौंपा था। शुरुआत में 6 महीने के लिए गौशाला अक्षयपात्र को दी गई थी। मार्च 2017 में यह अवधि पूरी होने पर इसे 30 सितम्बर 2017 तक बढ़ा दिया गया था। अक्षयपात्र को संचालन सौंपे जाने के बाद से अब तक 12 हजार से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है। हिंगोनिया में गायों की मौत का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है।