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इनाफ में रजिस्टर्ड सभी वेक्सीनेटर्स को मिलेगा मानदेय

पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने दिया स्पष्टीकरणवेटरनरी सर्विसेज फैडरेशन ऑफ इंडिया ने लिखा था पत्र

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जयपुर

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Rakhi Hajela

Dec 04, 2020

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प्रदेश के साथ ही देश के विभिन्न राज्यों में संचालित किए जा रहे राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत टीकाकरण अभियान में कार्यरत सभी वैक्सीनेटर्स को मानदेय का भुगतान किया जाएगा। कार्यकर्ताओं के मानदेय भुगतान को लेकर केंद्र सरकार के पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने अपना स्पष्टीकरण दिया है। मंत्रालय के संयुक्त सचिव उपमन्यु बसु की ओर से जारी किए गए स्पष्टीकरण के मुताबिक एेसे वैक्सीनेटर्स जो निजी हो या सरकारी, जो इनाफ के तहत रजिस्टर्ड हैं और जो अपना डाटा इनाफ पर अपलोड कर रहे हैं, उन्हें मानदेय का भुगतान किया जाएगा। मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण वेटरनरी सर्विसेज फैडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से मानदेय भुगतान को लेकर उठाए गए सवाल के बाद दिया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से पशुओं को खुरपका मुंहपका रोग से बचाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत हर वैक्सीनेटर को प्रति पशु वैक्सीनेशन के लिए न्यूनतम तीन रुपए और ईयर टैगिंग की डेटा एंट्री के लिए दो रुपए मानदेय के रूप में दिए जाने की बात कही गई थी।

वेटरनरी सर्विसेज फैडरेशन ऑफ इंडिया ने किया पत्रव्यवहार
केंद् प्रवर्तित इस योजना के मानदेय को लेकर वेटरनरी सर्विसेज फैडरेशन ऑफ इंडिया के नेशनल कॉर्डिनेटर (राष्ट्रीय समन्वयक) अजय सैनी ने मंत्रालय में पत्रव्यवहार किया। जिसके बाद मंत्रालय की ओर से इस संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि इनाफ के तहत रजिस्टर्ड हर वैक्सीनेटर फिर वह निजी हों या सरकारी सभी को मानदेय का भुगतान किया जाएगा। मंत्रालय के संयुक्त सचिव उपमन्यु बसु की ओर से जारी किए गए इन आदेशों का फायदा न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में इस योजना के तहत कार्यरत वैक्सीनेटर्स को मिलेगा क्योंकि यह योजना राजस्थान के साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी संचालित की जा रही है।
क्या है राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पशुओं में खुरपका.मुंहपका रोग और ब्रुसेलोसिस के नियंत्रण तथा उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की थी। यह कार्यक्रम पूर्णत: केंद्र सरकार की ओर से प्रायोजित है एवं इसकी कुल व्यय राशि 12652 करोड़ रुपए आंकी गई है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मवेशियों की सेहत में सुधार कर किसानों को अधिक.से.अधिक लाभ पहुंचाना है। खुरपका.मुंहपका रोग से पशुधन के दूध और अन्य पशुधन उत्पादों के व्यापार पर प्रत्यक्ष नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जिससे पशुपालक को काफी नुकसान होता है।

इनका कहना है,
मंत्रालय ने उन सभी वैक्सीनेटर्स के मानदेय का भुगतान किए जाने की बात कही है जो इनाफ के तहत रजिस्टर्ड हैं। मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने इस संबंध में स्पष्टीकरण दिया है। फैडरेशन इसका स्वागत करती है। इसका फायदा देश भर के वैक्सीनेटर्स को मिल सकेगा। फैडरेशन मांग करती हैं कि कृत्रिम गर्भाधान योजना के तहत कार्यरत सभी सरकारी कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं के बंद किए गए मानदेय का भुगतान भी फिर से शुरू किया जाना चाहिए।
अजय सैनी, राष्ट्रीय समन्वयक,
वेटरनरी सर्विसेज फैडरेशन ऑफ इंडिया


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