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केंद्र से राजस्थान को मिला बड़ा तोहफा, 567 करोड़ की पेयजल परियोजनाओं को मंजूरी; होंगे ये काम

AMRUT-2 Project: जयपुर की पेयजल व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार की अमृत-2 परियोजना के तहत 567 करोड़ रुपए की पेयजल परियोजनाओं को मंजूरी मिल गई है।

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AMRUT-2 Project: जयपुर। जयपुर की पेयजल व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार की अमृत-2 परियोजना के तहत 567 करोड़ रुपए की पेयजल परियोजनाओं को मंजूरी मिल गई है।

इन परियोजनाओं के जरिए शहर में 5 करोड़ लीटर पानी संग्रहण क्षमता के 17 जलाशय और 3 टंकियों का निर्माण होगा। इससे शहर में अतिरिक्त पानी संग्रहण की व्यवस्था होने पर बीसलपुर सिस्टम के शटडाउन के दौरान पानी की किल्लत से राहत मिलेगी।

जर्जर पाइपलाइनों से मिलेगी मुक्ति

चौकड़ी रामचंद्र, चौकड़ी विश्वेश्वरैया, बर्फखाना, जवाहर नगर सेक्टर-3, मारवाड़ी बस्ती, पटेल कॉलोनी, गंगवाल पार्क, एमडी रोड, एमआइ रोड, सी-स्कीम, सिंधी कॉलोनी, जवाहर नगर कच्ची बस्ती, नायकों की ढाणी समेत अन्य इलाकों में 2 हजार किलोमीटर पुरानी पाइपलाइनों को बदला जाएगा।

योजना में ये भी काम होंगे

1. 2 हजार किलोमीटर जर्जर पाइपलाइनों को बदला जाएगा।

2. चिन्हित इलाकों में 11,400 स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।

3. ग्रेटर निगम क्षेत्र में 423 करोड़ और हैरिटेज निगम क्षेत्र में 144 करोड़ रुपए का बजट।

4. परियोजनाओं को 30 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य।

5. 2.96 लाख पुराने कनेक्शन नई लाइनों पर शिफ्ट किया जाएगा।

यहां होंगे जलाशयों के निर्माण

1. चौकड़ी रामचंद्रपुरी: 2.50 लाख लीटर

2. आमेर: 3 लाख लीटर

3. आदर्श नगर बर्फखाना: 15 लाख लीटर

4. सिविल लाइंस: 6 लाख लीटर

5. रामनगर, शास्त्री नगर: 22.50 लाख लीटर

6. चांदमारी हेडवर्क्स:15 लाख लीटर

अन्य स्थान: तिलक नगर, त्रिवेणी नगर, वैशाली नगर ब्लॉक-ए और ई, ऑफिसर्स कैंपस, मुरलीपुरा, बुधविहार।

अभी ये हालात… कम प्रेशर और दूषित पानी

शहर की हजारों कॉलोनियों में कम प्रेशर से पानी की आपूर्ति जारी है, जिससे लोगों की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं। कई इलाकों में दूषित पानी की आपूर्ति की शिकायतें आम हो गई हैं। पानी संग्रहण की सीमित क्षमता के कारण बीसलपुर सिस्टम के शटडाउन के दौरान हालात और गंभीर हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में लोग अपनी पेयजल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बाजार से पानी खरीदने को मजबूर हैं।

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परियोजनाएं पूरी होने पर शहर की पेयजल व्यवस्था की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। आपात स्थिति के लिए पानी का स्टोरेज बढ़ेगा, स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। नई पाइपलाइन बिछाने के बाद दूषित पानी की समस्या का स्थायी समाधान होगा। - भास्कर ए. सावंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव, जलदाय विभाग

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