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अंता उपचुनाव: BJP से कौन-कौन दावेदार? रेस में ये दो दिग्गज नेता भी शामिल, CM-राजे-राठौड़ ने किया मंथन

Anta Assembly by-election: अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव में प्रत्याशी घोषणा में कांग्रेस ने भाजपा से बढ़त ली तो अब भाजपा भी प्रत्याशी चयन को लेकर सक्रिय नजर आ रही है।

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CM Bhajan Lal and Vasundhara Raje

पत्रिका फाइल फोटो

Anta Assembly by-election: अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव में प्रत्याशी घोषणा में कांग्रेस ने भाजपा से बढ़त ली तो अब भाजपा भी प्रत्याशी चयन को लेकर सक्रिय नजर आ रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच शुक्रवार को अंता से प्रत्याशी चयन को लेकर करीब डेढ़ घंटे बैठक हुई। बैठक राजे के आवास पर हुई।

वसुंधरा राजे के घर चली मंत्रणा

बैठक से पहले सीएम और प्रदेश अध्यक्ष की मुख्यमंत्री निवास पर लबी मंत्रणा चली। बारां-झालावाड़ से वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह सांसद है तो जिले की झालारापाटन सीट से खुद वसुंधरा राजे विधायक हैं। ऐसे में राजे की राय पार्टी प्रत्याशी चयन में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जल्द ही भाजपा प्रदेश कोर कमेटी की बैठक होनी है। प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल भी अंता चुनाव पर नजर बनाए हुए हैं। राठौड़ ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि आगामी दो-तीन दिनों में प्रत्याशी का चयन कर लिया जाएगा।

ये नाम चर्चा में शामिल

सूत्रों के अनुसार अंता से जो नाम चल रहे हैं, उनमें पूर्व जिला प्रमुख नन्द लाल सुमन, अंता से प्रधान मोरपाल, पूर्व प्रधान प्रखर कौशल, पूर्व जिला अध्यक्ष आनन्द गर्ग, रामेश्वर खंडेलवाल, विष्णु गौतम, पूर्व मंत्री प्रभु लाल सैनी के नाम प्रमुख हैं।

खबरों के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अंता विधानसभा सीट से पूर्व विधायक कंवर लाल मीणा की पत्नी भगवती देवी को चुनाव लड़वाने की इच्छुक हैं। साथ ही, राजे की प्राथमिकता है कि इस बार स्थानीय उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाए। दूसरी ओर, माली समाज के 45 हजार वोटों के प्रभाव के चलते मोरपाल का नाम भी चर्चा में है, जो राजे के समर्थक माने जाते हैं।वसुंधरा राजे के शासनकाल में प्रभु लाल सैनी 2013 में अंता से विधायक चुने गए थे और बाद में कैबिनेट मंत्री भी बने। उस समय सैनी राजे के करीबी थे, लेकिन अब समीकरण बदल चुके हैं। चर्चा है कि राजे अब सैनी के नाम पर सहमत नहीं हैं।

बीजेपी के सामने भाया और नरेश

बताते चलें कि अंता में बीजेपी के सामने दो चुनौती है- कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया है, जिनकी अंता में गहरी पकड़ है। वहीं, बीजेपी के सामने दूसरी चुनौती नरेश मीणा है, जो निर्दलीय मैदान में उतर चुके हैं। अंता में मीणा समाज के करीब 35 हजार वोट बताए जा रहे हैं।

बता दें कि नरेश मीणा ने पिछले साल 2024 में हुए देवली-उनियारा उपचुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़कर करीब 60 हजार वोट हासिल किए थे, जो काफी सुर्खियों में रहा। अंता में धाकड़ समाज वोट भी चुनाव के निर्णय में अपनी भूमिका निभाते है। ऐसी स्थिति में अंता का चुनाव काफी रोचक होने वाला है। इसको लेकर सियासी नजरें टिकी हुई हैं।


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