
प्रतीकात्मक तस्वीर
Voter Awareness: जयपुर। बिहार विधान सभा के आगामी आम चुनाव और आठ विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने सख्त कदम उठाए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि आयोग ने धनबल, मुफ्तखोरी, नशीले पदार्थों और शराब के अवैध उपयोग को रोकने के लिए सभी प्रवर्तन एजेंसियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।
चुनावी खर्च की प्रभावी निगरानी के लिए अंता उपचुनाव में आईआरएस अधिकारी मुकेश राठौड़ को व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। निर्वाचन क्षेत्र में विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियां चुनाव अधिसूचना के दिन से ही सक्रिय हैं। मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयासों पर नजर रखने के लिए उड़न दस्ते, निगरानी दल और वीडियो निगरानी टीमें 24 घंटे सतर्क रहेंगी।
चुनाव आयोग ने ऑनलाइन प्रणाली “इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम (ईएसएमएस)” को भी सक्रिय कर दिया है, ताकि प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की गई जब्ती और अवरोधन की रिपोर्ट तुरंत दर्ज की जा सके। प्रवर्तन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जांच और निरीक्षण के दौरान आमजन को किसी भी प्रकार की असुविधा न पहुंचाएं। साथ ही, अंता विधानसभा क्षेत्र के नागरिक किसी भी उल्लंघन की सूचना सी-विजिल ऐप के माध्यम से दे सकते हैं।
अब तक अंता विधानसभा क्षेत्र में 2 करोड़ 45 लाख रुपए मूल्य की जब्ती की गई है, जिसमें राज्य पुलिस विभाग द्वारा 2 करोड़ 38 लाख, राज्य आबकारी विभाग द्वारा 6 लाख और अन्य विभागों द्वारा लगभग 1 लाख रुपए की जब्ती शामिल है। चुनाव आयोग की ये कार्रवाई धनबल और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने में निर्णायक साबित होने की उम्मीद है।
Updated on:
16 Oct 2025 03:12 pm
Published on:
16 Oct 2025 03:11 pm
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