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भजन सम्राट अनूप जलोटा बोले… क्या पता, आलू-टमाटर आ जाए, या फिर तालियां बज जाए

Bhajan Samrat Anoop Jalota: जयपुर। भजन सम्राट अनूप जलोटा का कहना है कि भजन को भाव से गाया जाए तो वे मन में उतर जाते है। फिल्मी गानों के जैसे गाएंगे तो वे कान से निकल जाएंगे।  

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भजन सम्राट अनूप जलोटा बोले... क्या पता, आलू-टमाटर आ जाए, या फिर तालियां बज जाए

भजन सम्राट अनूप जलोटा बोले... क्या पता, आलू-टमाटर आ जाए, या फिर तालियां बज जाए

Bhajan Samrat Anoop Jalota: जयपुर। भजन सम्राट अनूप जलोटा का कहना है कि भजन को भाव से गाया जाए तो वे मन में उतर जाते है। फिल्मी गानों के जैसे गाएंगे तो वे कान से निकल जाएंगे। भजन सम्राट जयपुर आए, उन्होंने राजस्थान पत्रिका के साथ भजनों को लेकर अपने अनुभव और भजन की बारियों के साथ भजनों में आए बदलाव और आधुनिक दौर में भजनों की भूमिका पर खुलकर अपनी बात रखी।

अनूप जलोटा ने कहा कि भजन को भाव से गाया जाए तो वे मन में उतर जाते है। अगर फिल्मी गानों के जैसे जाएंगे तो कान से बाहर निकल जाएंगे। गायक भजन मन से गाएगा तो भजन अधिक समय तक चलेगा। उन्होंने कहा भजनों के प्रति लोगों की रुचि बरकरार है। भजन सुनने के लिए लोग अभी भी आते है। लोगों से प्रार्थना करता हूं की लोगों के अंदर भजन सुनने का भाव बना रहे। भजन सुनेंगे तो मन तप्त होगा, आपका ध्यान भगवान की ओर केन्द्रीत होगा। ऑनलाइन भजन सुनने में आनंद नहीं है। श्रोता और दर्शकों के सामने भजन गाने का आनंद ही अलग है, भजन भी रूबरू सुनने में आनंद आता है, या तो श्रेाताओं की ओर से आलू-टमाटर आ जाए, या तालियां बज जाए। भजन प्रस्तुति भी श्रोता के सामने ही करने में मजा है।