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जयपुर। रामगढ़ बांध पर शुक्रवार सुबह ड्रोन से एक बार फिर 30 मिनट क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम बरसात) करवाई गई। बारिश के पहाड़ पर होने से मापी नहीं जा सकी। रामगढ़ बांध में ड्रोन से तीसरी बार कृत्रिम बरसात करवाई गई है।
एक्सल-1 इंक के चीफ क्लाइमेट सॉल्यूशंस अधिकारी शशांक तामन ने बताया कि रामगढ़ बांध क्षेत्र में दो क्लाउड सीडिंग उड़ानें सफलतापूर्वक संचालित की गई ताकि उथले बादलों का अध्ययन किया जा सके। उड़ानों से पहले करीब 960 मीटर ऊंचाई पर पतले और उथले बादल देखे गए। सीमित मोटाई होने से सीडिंग के लिए सही माना गया। इसके बाद दो ड्रोन की पहली उड़ान सुबह 7.30 बजे शुरू हुई। ड्रोन करीब 1000 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचे, जो क्लाउड बेस से 40 मीटर ऊपर थे।
इस स्तर पर सोडियम क्लोराइड को एक वृत्ताकार मार्ग में छिड़काव करने के बाद लगातार निगरानी की गई। करीब 15 मिनट बाद बादलों में बदलाव आया और कुछ देर हल्की फुहार के साथ बरसात हुई। करीब 9.30 बजे दूसरी बार भी समान परिस्थितियां थी। इस बार सीडिंग के लिए उत्तर-दक्षिण दिशा को चुना गया।
इस बार दोनों ड्रोन को 10 मिनट से कम समय में बादलों तक पहुंचाकर सोडियम क्लोराइड का छिड़काव किया गया। बादलों के पतले होने से सिर्फ बूंदाबांदी ही हो सकी। ऐसे में दोनों प्रयास में दो ड्रोन से करीब 30 मिनट कृत्रिम बरसात करवाई गई। दोनों बार में ही बारिश के पहाड़ पर होने से मापी नहीं जा सकी।
Published on:
05 Sept 2025 09:05 pm
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