
जयपुर, 9 अगस्त
प्रदेश में स्कूल खोले जाने की चर्चा शुरू होते ही संयुक्त अभिभावक संघ ने एक बार फिर राज्य सरकार पर निजी स्कूलों से मिलीभगत कर बच्चों की जिंदगी और भविष्य दांव पर लगाने की योजना बनाने का आरोप लगाया है। संघ ने कहा कि राज्य सरकार स्कू खोलने से पहले बच्चों के स्वास्थ्य की गारंटी ले और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करे। निजी स्कूलों के दबाव में आकर किसी भी प्रकार की जल्दबाजी ना करे,स्कूल खोलने के बाद अगर हालात बिगड़े तो राज्य सरकार को पछतावा करने का अवसर प्रदेश की जनता बिल्कुल भी नहीं देगी।
संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं, राज्य सरकार निजी स्कूलों के दबाव में आकर बंद कमरों में एकतरफा फैसला प्रदेश की जनता पर थोपने की तैयारी में जुटी है। निजी स्कूल संचालक केवल फीस वसूलने को लेकर स्कूल खोलने का दबाव बना रहे है। 15 दिन स्कूल को खोलकर अभिभावकों पर दबाव बनाएंगे और जबर्दस्ती फीस वसूल करेंगे, जब हालात बिगड़ जाएंगे तो स्कूल बंद करने के आदेश जारी हो जाएंगे। राज्य सरकार से पुन: अपील है निजी स्कूलों के दबाव में आकर देश और राज्य के भविष्य को कुचलने की साजिश रचने के बजाय बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता और प्रदेश में हालात ना बिगड़े ऐसी व्यवस्था पर कार्य करे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं घोषणा कर रहे हैं 22 अगस्त से हालात बिगडऩे के आसार जता रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना सुनिश्चित करवाने को लेकर गंभीरता नहीं
संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि सरकार शिक्षा माफियाओं को संरक्षण दे रही है उसी का परिणाम है कि आज प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था गर्त में जा रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 03 मई 2021 को आए आदेश की पालना सुनिश्चित करवाने के लिए अपनी गंभीरता नहीं दिखा रही। उन्होंने कहा कि अभिभावकों पर कितने ही झूठे मुकदमे और लाठीचार्ज करवाया जाए लेकिन हम झुकने वाले नहीं हैं।
Published on:
09 Aug 2021 04:39 pm
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