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High Speed Train: बुलेट ट्रेन से पहले इलेक्ट्रिक इंजन का 21, 22 अगस्त को ट्रायल रन , जानें खास बातें

जयपुर जिले में सांभर झील के पास बने देश के पहले हाई स्पीड टेस्ट ट्रैक पर आज से रेलवे का दूसरा सबसे ताकतवर 9 हॉर्स पावर वाला इंजन दौड़ेगा। दो दिन तक इस इंजन के पहले फेज का ट्रायल रन होगा।

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रेलवे के दूसरे सबसे पावरफुल इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल, पत्रिका फोटो

रेलवे के दूसरे सबसे पावरफुल इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल, पत्रिका फोटो

High Speed Train: जयपुर जिले में सांभर झील के पास बने देश के पहले हाई स्पीड टेस्ट ट्रैक पर आज से रेलवे का दूसरा सबसे ताकतवर 9 हॉर्स पावर वाला इंजन दौड़ेगा। दो दिन तक इस इंजन के पहले फेज का ट्रायल रन होगा। इस संबंध में गुजरात के दाहोद कारखाने के मुख्य प्रबंधक मनीष कुमार गोयल ने बताया कि देश में पहली बार इतनी क्षमता वाले इंजन का ट्रायल हो रहा है। इस इंजन को बुधवार को दाहोद से रवाना किया गया। इसका ट्रायल आज और कल किया जाएगा। दावा है कि, यह ट्रायल भारतीय रेलवे को तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत आधार देगा।

64 किमी लंबे ट्रैक पर दौड़ेगा इंजन

जोनल रेलवे अधिकारियों का कहना है कि देश के इस अनूठे ट्रैक की लंबाई 64 किलोमीटर है, जो जयपुर- जोधपुर रेलमार्ग पर नावां के पास गुढ़ा से ठठाना मीठड़ी तक बना है। पहले चरण के मानकों के अनुसार ट्रायल में इंजन और ट्रैक दोनों की क्षमता की जांच होगी। यदि यह ट्रायल सफल रहता है तो भविष्य में भारत में बुलेट ट्रेन समेत हाई स्पीड रोलिंग स्टॉक का परीक्षण भी यहीं किया जाएगा।

ट्रायल में ये होंगे परीक्षण

इंजन की स्पीड, ब्रेकिंग कैपेसिटी और स्थिरता।
ट्रैक्शन, झटकों को झेलने की क्षमता और वाइब्रेशन टेस्ट।
सिग्नलिंग, ओवरहेड वायरिंग और सेफ्टी सिस्टम की जांच।
विशेषज्ञों की निगरानी में पूरा टेक्निकल विश्लेषण होगा।

खराब परिस्थिति में परखेंगे ताकत


रेलवे अधिकारियों के अनुसार इस ट्रायल के तहत ईएन 14363 मानकों के अनुसार क्वॉजी स्टेटिक टेस्ट किया जाएगा, जिसमें इंजन को 120 किमी प्रति घंटे की गति से सबसे खराब ट्रैक परिस्थितियों में चलाकर उसकी मजबूती और स्थिरता की जांच की जाएगी। यह प्रक्रिया दिखाएगी कि नया इंजन किन परिस्थितियों में ट्रैक पर कैसे प्रदर्शन करता है। यह ट्रायल इंजन और ट्रैक दोनों के लिए एक अहम मील का पत्थर माना जा रहा है।