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भाद्रपद शुरू, हर तीसरे दिन व्रत-त्योहार का उल्लास, ये आएंगे बड़े त्योहार

Bhadrapada Festival भाद्रपद में श्रीकृष्ण जमोत्सव के साथ प्रथम पूज्य भगवान गणेशजी का जन्मोत्सव का उल्लास छाएगा, वहीं संकष्ट चतुर्थी, बीछ बारस, शनिश्चरी अमावस्या व जलझूलनी एकादशी सहित कई बड़े व्रत-त्योहार आएंगे।

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भाद्रपद शुरू, हर तीसरे दिन व्रत-त्योहार का उल्लास

भाद्रपद शुरू, हर तीसरे दिन व्रत-त्योहार का उल्लास

Bhadrapada Festival जयपुर। भाद्रपद में श्रीकृष्ण जमोत्सव के साथ प्रथम पूज्य भगवान गणेशजी का जन्मोत्सव का उल्लास छाएगा, वहीं संकष्ट चतुर्थी, बीछ बारस, शनिश्चरी अमावस्या व जलझूलनी एकादशी सहित कई बड़े व्रत-त्योहार आएंगे। घर से लेकर मंदिर तक त्योहारों को लेकर विशेष तैयारियां शुरू हो चुकी है। शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के आयोजन शुरू हो चुके है। कोविड के बाद शहर में फिर से व्रत-त्योहारों की रंगत देखने को मिल रही है।

भाद्रपद कृष्ण चतुर्थी पर 15 अगस्त को संकष्ट चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन उत्तराभाद्र और रेवती नक्षत्र रहेगा, वहीं दिनभर धृति योग का संयोग रहेगा। सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखेंगी, वहीं कुछ महिलाएं चौथ का उद्यापन भी करेंगी। ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि साल की चार बड़ी चौथ में एक भाद्रपद की चौथ संकष्ट चतुर्थी है, महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना के लिए यह व्रत रखेंगी। दिनभर निराहार रहकर चौथ माता व भगवान गणेशजी का पूजन करेंगी और कथा सुनेंगी। इस दिन चन्द्रोदय रात 9 बजकर 35 मिनट पर होगा। इस दिन धृति येाग रहेगा, जो एक दिन पहले मध्यरात्रि बाद 1.37 बजे शुरू होगा, जो चतुर्थी के दिन रात 11.23 बजे तक रहेगा। इस दिन चौथ माता का व्रत रखना समृद्धिदायक होगा।

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श्रीकृष्ण जन्म का उल्लास
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद कृष्ण अष्टमी पर 19 अगस्त को मनाया जाएगा, इस दिन शहर में श्रीकृष्ण जन्म का उल्लास छाएगा। शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव शुरू हो चुका है। रोजाना मंदिर में भजन-कीर्तन व सत्संग का आयोजन हो रहा है। मंदिर में आज श्रीगोपीनाथ महिला मंडल की ओर से भजन व संकीर्तन किया जा रहा है, वहीं शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। महोत्सव के तहत 14 से 16 अगस्त तक रोजाना सुबह भजन-कीर्तन का आयोजन होगा, वहीं शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। 16 अगस्त को मंदिर में श्रीकृष्ण लीला साकार होगी। 17 अगस्त को गौरांग महाप्रभु सत्संग मंगल की ओर से भजन व कीर्तन किया जाएगा। वहीं 18 अगस्त शाम को अष्ट प्रहर हरिनाम संकीर्तन शुरू होगा। 19 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मध्यरात्रि 12 बजे गोविंदाभिषेक का आयोजन होगा। इसके अगले दिन 20 अगस्त को नंदोत्सव मनाया जाएगा, वहीं शाम को श्रीकृष्ण की शोभायात्रा निकाली जाएगी।

31 अगस्त को गणेश चतुर्थी
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर 31 अगस्त को श्रीगणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। घर-घर, द्वार-द्वार गणेशजी महाराज का पूजन होगा। वहीं मोती डूंगरी गणेशजी महाराज के जन्मोत्सव का आयोजन होगा। इससे पहले 22 व 23 अगस्त को अजा एकादशी मनाई जाएगी, वहीं 24 अगस्त को बीछ बारस मनाई जाएगी। 7 सितंबर को जलझूलनी एकादशी होगी। शहर में फिर से डोल झांकी निकलेगी।