
Rajasthan Assembly: जयपुर। विधानसभा के बजट सत्र में सत्तापक्ष-विपक्ष के बीच छह दिन से गतिरोध बना हुआ है। देर रात तक सुलह की कोशिश हुई, लेकिन बात नहीं बन सकी। सदन में आज वित्त मंत्री के रूप में दिया कुमारी बजट बहस का जवाब भी देंगी। हालांकि, आज भी सदन में गतिरोध टूटने पर संशय बना हुआ है।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली बोलेंगे या नहीं। यह गतिरोध दूर होने पर निर्भर है। यदि गतिरोध दूर नहीं हुआ तो कांग्रेस विधायक विधानसभा के बाहर धरने पर बैठेंगे और सदन बिना विपक्ष के चलेगा। अगर गुरूवार को विपक्ष बिना सदन चला और नेता प्रतिपक्ष का बजट बहस पर भाषण नहीं हुआ तो यह राजस्थान विधानसभा के लिए एक नया इतिहास भी बन जाएगा। इससे पहले इसी सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर भी नेता प्रतिपक्ष का भाषण नहीं हुआ था।
सदन में आज वित्त मंत्री दिया कुमारी बजट बहस का जवाब देंगी। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार कई बड़ी घोषणाएं कर सकती है। ये घोषणाएं सड़क, पानी, शिक्षा, भर्तियां, अस्पताल, कानून-व्यवस्था और सरकारी कर्मचारियों से संबंधित होगी।
स्पीकर वासुदेव देवनानी का कहना है कि सदन तो चलेगा और नियमानुसार चलेगा। जो लोग निलम्बित है, वह बाहर रहेंगे। बाकी विपक्ष के सदस्य आना चाहें तो सदन की कार्यवाही में भाग लेने पर कोई रोक नहीं है। सदन में जिस प्रकार की बातें हुई है, वह उचित नहीं थी। सदन किस तरह से चलेगा, यह तो सदन ही तय करेगा। मेरी आज दिन भर किसी से कोई बात नहीं हुई है। कोई आकर बात करेगा और गतिरोध का हल निकालना चाहेगा तो बातचीत पर किसी तरह की कोई रोक भी नहीं है। पहले भी निलम्बन हुए हैं। निलम्बित सदस्य बाहर रहते हैं और सदन चलता रहा है।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि विधानसभा में चल रहा गतिरोध कांग्रेस की ही अंतर्कलह से जुड़ा है। दिल्ली में अपने नंबर बढ़ाने के चक्कर में एक नेता नहीं चाहते कि उन्हीं की पार्टी के नेता प्रतिपक्ष सदन में बोले। ये इन्हीं की साजिश लग रही है और ऐसी चर्चाएं कई दिनों से चल रही है। विधानसभा अध्यक्ष, सीएम और मैंने गतिरोध दूर करने के खूब प्रयास किए, लेकिन पलटूराम पलट गए और जो खेद प्रकट करना था। वो नहीं किया। हमारा तो अब भी प्रयास है कि गतिरोध खत्म हो और सदन में सभी दल अपनी बात रखें।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का कहना है कि प्रदेश की आठ करोड़ जनता के मुद्दों पर सदन में चर्चा हो सके, इसके लिए हम गतिरोध दूर करना चाहते हैं। लेकिन, सत्तापक्ष नहीं चाहता। वे नहीं चाहते कि सदन में अंदर आकर विपक्ष जनहित के मुद्दों पर सरकार के सवाल पूछे। हम छह विधायकों के निलंबन की बहाली और इंदिरा गांधी के लिए मंत्री की ओर से बोले गए दादी शब्द को सदन की कार्यवाही से हटाने के साथ मंत्री के माफी मांगने की मांग कर रहे हैं। यदि सत्तापक्ष हठधर्मिता अपनाते हुए हमारी मांगों को पूरा कर गतिरोध खत्म नहीं करता तो हम विधानसभा के बाहर फिर धरने पर बैठेंगे।
सदन में इंदिरा गांधी को मंत्री की ओर से ’’दादी’’ बोलने और कांग्रेस के गोविंद डोटासरा सहित छह विधायकों के निलंबन को लेकर कांग्रेस सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर रहा है। अब सत्ता पक्ष, विपक्ष और अध्यक्ष के अपने-अपने दावे हैं और सत्ता पक्ष व अध्यक्ष गतिरोध दूर नहीं होने के लिए विपक्ष का दोषी ठहरा रहे हैं। वहीं, विपक्ष सदन नहीं चलने देने के लिए सत्ता पक्ष को दोषी ठहरा रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिनभर आपस में चर्चा कर आगामी रणनीति पर मंथन करते रहे। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की अशोक गहलोत, सचिन पायलट औैर गोविंद सिंह डोटासरा से वार्ता हुई। विपक्ष का दावा है कि सत्तापक्ष के नेताओं से भी सम्पर्क साधने के प्रयास किए। हालांकि, कोई हल नहीं निकल सका। उधर, भाजपा नेताओं के बीच भी आपस में विधानसभा सत्र चलाने को लेकर चर्चा चल रही है। बताया जा रहा है कि भाजपा आलाकमान ने विधानसभा में हुए पूरे घटनाक्रम की जानकारी भी ली है।
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Published on:
27 Feb 2025 07:53 am
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