जयपुर जिले के बस्सी क्षेत्र के निवासी नवलकिशोर शर्मा ने बताया कि उनके पिता को गुर्दे का कैंसर है। 9 मई की शाम को पिता को एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां डॉक्टरों ने कीमोथैरेपी के लिए दवा लिखी। इसकी कीमत अस्पताल के बाहर निजी दवा दुकानों पर 10 हजार से 14 हजार रुपए तक बताई गई। भामाशाह बीमा योजना में जानकारी ली तो बताया गया कि दवा यहां मिल जाएगी, उपलब्ध नहीं होगी तो बाजार से मंगवाकर यहीं से दे दी जाएगी। इसके बाद मशक्कत कर भामाशाह बीमा योजना में पंजीकरण करवाया।
10 मई को सायं 5 बजे भामाशाह बीमा कार्ड सक्रिय हुआ। 11 मई को भामाशाह बीमा काउंटर पर दवा की पर्ची दी तो तीन घंटे बाद आने को कहा गया। तीन घंटे बाद गए तो दवा नहीं होने की जानकारी दी गई। फिर अस्पताल अधीक्षक के कक्ष में बात की तो वहां से एक डॉक्टर का नाम बताया गया। पता चला कि डॉक्टर सोमवार को मिलेंगे। इसके बाद भामाशा बीमा योजना की हैल्पलाइन पर भी सम्पर्क किया लेकिन राहत नहीं मिली।