
पति और मृतका की फाइल फोटो: पत्रिका
SMS Hospital Fire Update: क्या करता…मेरी उम्र देखो…बीमार पत्नी को आइसीयू से बाहर कैसे लाता। पत्नी की चीख मुझे भी बाहर ले चलो…बचा लो…मुझे भी बाहर ले चलो…पत्नी की चीख को अनसुना कर आइसीयू से बाहर बेटे को मदद के लिए बुलाने दौड़ा, भगदड़ में बेटा तो मिल गया लेकिन आग और धुआं के कारण वापस ICU में नहीं लौट सका। पत्नी की चीख दिल को चीर रही है। मैं बाहर नहीं आता तो मर जाता।
सोमवार तड़के 4 बजे SMS अस्पताल के ट्रोमा सेंटर के बाहर बेटे भूपेन्द्र के साथ पत्नी कुसुमा की तलाश में भटक रहे भरतपुर निवासी पूरण सिंह यूं अपनी पीड़ा बताने लगे।
पूरण सिंह ने बताया कि बेटे के साथ पत्नी को लाने जाने लगा लेकिन धुआं और लपटों के कारण उन्हें ICU में नहीं जाने दिया। पत्नी ने चीखते हुए दम तोड़ दिया। पत्नी बचाने के लिए चिल्लाती रही और वह कुछ नहीं कर सका। उसने कहा कि सिर में चोट लगने पर पत्नी कुसुमा को 1 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती करवाया था।
मनहूस घड़ी को काेसते हुए कहा कि आइसीयू में बंद पड़े कमरे में से पहले धीरे-धीरे धुआं निकलने लगा और लोग आग लगने की कहकर चिल्लाने लगे, तभी आग को गोला फूट गया। जिसमें सब तबाह हो गया।
बेटे भूपेन्द्र ने बताया कि कोई तो उसकी मां का शव दिला दे। मां को जिंदगी के लिए यहां लेकर आए थे लेकिन पता नहीं था कि यहां पर मां की जिंदगी बचने की बजाय छिन जाएगी।
निरीक्षक भजनलाल ने बताया कि रात्रि को तीन मूर्ति के पास नाकाबंदी प्वाइंट चेक करते हुए नारायणसिंह तिराहा पर पहुंचा तभी कन्ट्रोल रूम से सूचना मिली कि ट्रोमा सेंटर में आग लग गई। तुरंत वहां पहुंचो। नजदीक होने के कारण कुछ मिनट में ही वहां आ गया। एसएमएस अस्पताल के दो पुलिसकर्मी, अस्पताल स्टाफ और अन्य लोग के साथ मरीजों को बचाने में जुटे थे।
आइसीयू में इतना धुआं था कि उससे नजदीक भी नहीं पहुंचा जा रहा था। पुलिस अधिकारी, दमकल और सिविल डिफेंस टीम भी मौके पर पहुंच गई। आग पर काबू पाया लेकिन आइसीयू में केमिकल का धुआं होने के कारण नजदीक जाते ही दम घुट रहा था। 4-4 मास्क लगाकर आइसीयू में पहुंचे, तब भी दम घुटने लगा। दो मरीज आइसीयू में बेड के नीचे मिले। कोई बेड पर मिला। लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
Published on:
07 Oct 2025 08:00 am
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