
Rajasthan News: यूको बैंक के सिस्टम में तकनीकी खामी का फायदा उठाकर गत वर्ष नवम्बर माह में 820 करोड़ रुपए निकालने के मामले में सीबीआइ ने बुधवार को संभागभर में 70 से अधिक स्थानों पर छापे मारे। बैंक और ई-मित्र संचालकों के साथ ही घोटाले से जुड़े बैंक धारकों के ठिकानों पर दबिश देकर अनेक दस्तावेज और मोबाइल जब्त किए गए हैं। यूको बैंक ने 14 नवम्बर को एसओजी जयपुर में शिकायत दर्ज कराई थी।
इस पर जयपुर के साइबर थाने में एफआइआर दर्ज की गई थी। चूंकि गड़बड़ी करोड़ों रुपए और बैंक के खाता धारक भी सैंकड़ों हैं, इसलिए जांच सीबीआइ को दे दी गई। सीबीआइ जयपुर, जोधपुर व अन्य शाखाओं की 70 से अधिक टीमों ने जोधपुर, फलोदी, लोहावट, ओसियां, भोजासर, चाडी, बाड़मेर आदि जगहों पर एक साथ दबिश दी। देर रात तक कार्रवाई जारी थी। सीबीआइ ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज व मोबाइल जब्त किए हैं।
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यह है माम
लागत वर्ष 10 से 13 नवंबर के बीच बैंक में तकनीकी खामी सामने आई थी। इसका फायदा उठाकर कुछ खातों में बहुत ज्यादा ट्रांजेक्शन किए गए थे। आईएमपीएस के माध्यम से ये लेन-देन आईडीएफसी बैंक व अन्य बैंकों से थे। दूसरी बैंकों से लेन-देन किए गए तो यूको बैंक की तकनीकी खामी की वजह से दूसरे बैंकों में रिजेक्शन के संदेश आने लग गए थे। खातों से राशि बगैर डेबिट हुए यूको बैंक खाताधारकों को जमा हो गई थी। इसका पता लगने पर कई लोगों ने लेन-देन शुरू कर दिए। यह बात आग की तरह फैल गई थी। इनके देखा-देखी सैंकड़ों लोगों ने लेन-देन कर दिए थे। जोधपुर, लोहावट, फलोदी, अजमेर, नागौर व बाड़मेर में लोगों ने खातों से राशि दूसरे खातों में जमा करनी शुरू कर दी थी। पहले बैंक ने 1.53 करोड़ रुपए की गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था। एनएससी व बीएससी को सूचना दी थी कि बैंक में आंतरिक तकनीकी खामी की वजह से गड़बड़ी हुई थी। 16 नवंबर को बीएसई व एनएससी को लिखे पत्र में बैंक ने खाते ब्लॉक कर 820 करोड़ में से 649 करोड़ रुपए रिकवर किए थे।
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Published on:
07 Mar 2024 11:13 am
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