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राजस्थान में 4 सीनियर टीचरों पर बड़ी कार्रवाई, जांच के बाद सभी लोग सेवा से हटाए गए, जानें क्या है पूरा मामला

संस्कृत शिक्षा विभाग और निदेशालय ने विभाग में कार्यरत चार वरिष्ठ अध्यापकों को नियुक्ति के समय लगाए गए निशक्तजन प्रमाण पत्र को सत्यापन कराए जाने पर फर्जी पाया। ऐसे में इन अध्यापकों को अपात्र मानते हुए सेवा से मुक्त कर दिया है।

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जयपुर

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Arvind Rao

Aug 27, 2025

4 senior teachers in Rajasthan all were removed

संस्कृत शिक्षा विभाग ने 4 शिक्षकों को किया सेवा मुक्त (फोटो- पत्रिका)

जयपुर: निदेशालय, संस्कृत शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए विभाग में कार्यरत चार वरिष्ठ अध्यापकों को सेवा से मुक्त कर दिया है। विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, इन अध्यापकों ने नियुक्ति के समय निशक्तजन श्रेणी का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था।


बाद में इन प्रमाण पत्रों का सत्यापन सवाई मानसिंह चिकित्सालय, जयपुर के चिकित्सा अधिकारियों से कराया गया। जांच के दौरान यह प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। इसके बाद विभाग ने इन्हें अपात्र मानते हुए तत्काल प्रभाव से सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया।


ऐसे हुए थे चयनित


जानकारी के अनुसार, ये अध्यापक वर्ष 2022 में आयोजित वरिष्ठ अध्यापक (संस्कृत शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से चयनित हुए थे। परीक्षा के बाद नियुक्ति प्रक्रिया में इन्होंने निशक्तजन श्रेणी का लाभ उठाया और पद प्राप्त कर लिया। लेकिन दस्तावेजों के सत्यापन में गड़बड़ी सामने आने पर विभाग ने नियमों के अनुसार कार्रवाई की।


क्या कहा संस्कृत शिक्षा विभाग ने


संस्कृत शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया है कि नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान प्रस्तुत किए गए सभी दस्तावेजों की जांच आवश्यक है और फर्जी प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। विभाग की इस कार्रवाई से संदेश गया है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी प्राप्त करना अब संभव नहीं होगा और ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाए जाएंगे।


इस कार्रवाई के बाद विभाग के अन्य कर्मचारियों और अभ्यर्थियों को भी चेतावनी मिल गई है कि वे केवल वास्तविक और सत्यापित प्रमाण पत्र ही प्रस्तुत करें। विभाग ने साफ किया कि पारदर्शिता और ईमानदारी से ही नियुक्तियां जारी रहेंगी।