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पीएल सरेंडर भुगतान पर रोक से कर्मचारियों को बड़ा नुकसान

राज्य में कोरोना संकट ( Corona crisis ) के चलते सरकार की ओर से पीएल सरेंडर ( PL surrender ) पर मिलने वाले नगद भुगतान पर रोक लगी होने से बड़ी संख्या में कर्मचारियों ( Government employees ) को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।

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Big loss to employees due to ban on PL surrender payment

पीएल सरेंडर भुगतान पर रोक से कर्मचारियों को बड़ा नुकसान

जयपुर
राज्य में कोरोना संकट ( Corona crisis ) के चलते सरकार की ओर से पीएल सरेंडर ( PL surrender ) पर मिलने वाले नगद भुगतान पर रोक लगी होने से बड़ी संख्या में कर्मचारियों ( Government employees ) को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। पीएल सरेंडर पर भुगतान नहीं मिलने और इस माह के आखिर में कर्मचारियों को मिलने वाली पीएल लैप्स हो जाने से करोड़ों रुपए की राशि नहीं मिल पाएगी। इन स्थितियों में कर्मचारी संगठन की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पीएल भुगतान पर रोक लगाकर कर्मचारियों से करोड़ों रुपए की साइलेंट कटौती बंद करवाने की मांग की जा रही है।

दरअसल, राज्य में कार्मिकों को हर साल 15 पीए सरेंडर करने पर इसके एवज में नगद भुगतान मिलता है। पीएल का उपभोग नहीं करने पर हर साल पीएल जमा होती है लेकिन इसकी अधिकतम संख्या 300 है। शिक्षकों को साल में 15 तो अन्य कार्मिकों को 30 पीएल मिलती हैं। राज्य में सरकार ने पीएल सरेंडर करने पर नगद भुगतान पर रोक लगा रखी है। ऐसे में राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे कार्मिकों को नुकसान उठाना पड़ेगा जो कि पीएल का उपभोग नहीं कर पाए हैं और उनकी जमा पीएल की संख्या पहले ही 300 हो चुकी है और जो इस साल मिली पीएल को लैप्स नहीं करवाकर उसका नगद भुगतान लेना चाहते हैं।

लैप्स नहीं होकर मिले पीएल का लाभ
राजस्थान प्राथमिक माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री महेन्द्र पांडे का कहना है कि 31 दिसंबर को ये पीएल लैप्स हो जाएंगी। इन पीएल का लाभ या नगद भुगतान कार्मिक को सेवा में कभी नहीं मिलेगा। महामंत्री महेन्द्र पांडे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर मांग की है कि जिन कार्मिकों की 300 पीएल पहले ही जमा हो चुकी हैं और जो कर्मचारी इस साल मिली पीएल को सरेंडर करके उसका नगद भुगतान लेना चाहते हैं, उन सैंकड़ों कर्मचारियों के हित में उनके पीएल खाते में इस साल मिली पीएल जोड़ने के आदेश जारी करवाए जाएं ताकि कर्मचारियों को नुकसान का सामना नहीं करना पड़े।