
Jaipur News : सवाई माधोपुर में टाइगर टी 86 की मौत को तीन दिन से ज्यादा का समय हो चुका है। टाइगर को मारने वाला आजादी से घूम रहे है। अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। रणथंबौर नेशनल पार्क में बाघ टी-86 की हत्या में धारदार हथियार ही नहीं, बल्कि विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ था। पोस्टमॉर्टम करने वाली टीम को बाघ के मुंह पर गन पाउडर के निशान मिले हैं। अंदेशा है कि बाघ को माइंस में ब्लास्ट करने वाले गन पाउडर से पहले घायल किया गया था। फिर उस पर पत्थर फेंके और धारदार हथियार से हमला किया।
दावा किया जा रहा है कि टाइगर की इंसानों की ओर से हत्या का राजस्थान में पहला मामला है। सीसीएफ अनूप के आर ने इंसानों के हमले से बाघ की मौत पर एफआईआर दर्ज करने की बात कही थी। लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
आशंका है कि जब बाघ भरतलाल मीणा पर हमला कर उसके शव के पास बैठा होगा तभी ग्रामीणों ने गन पाउडर से उस पर हमला किया, जिससे वह बुरी तरह घायल हुआ होगा। जिसके बाद ग्रामीणों ने उस पर धारदार हथियारों से हमला कर मार डाला। बाघ के पिछले दोनों पैर टूटे हुए थे। रीढ़ की हड्डी में भी फ्रैक्चर था। जबड़ा टूट गया था। शरीर पर गहरे घावों के 25 से ज्यादा निशान मिले हैं। बाघ ने पिछले 8-10 दिन से कोई शिकार नहीं किया था। ऐसे में वह 10 दिन से भूखा था। पोस्टमॉर्टम के दौरान भी उसके पेट में कुछ भी ठोस नहीं मिला है।
वन विभाग इस मामले में सवालों के घेरे में है। क्योंकि अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिन लोगों ने टाइगर को मारा। वह लोग कौन है। अब तक मालूम तक नहीं चल सका है। ऐसे में पूरा मामला अब तक दबा हुआ है। इसके साथ ही वन विभाग के अधिकारी एफआईआर दर्ज कराने के लिए कह तो रहे है, लेकिन दर्ज करा नहीं रहे है। ऐसे में पूरा मामला दबता नजर आ रहा है।
Published on:
06 Nov 2024 11:36 am
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