
jaipur junction
राजस्थान की राजधानी जयपुर में आमजन के लिए भले ही रेलवे टिकट किफायती हो, लेकिन रेलवे स्टेशन से घर तक की यात्रा उनकी जेब पर भारी पड़ रही है। राजधानी के छोटे रेलवे स्टेशनों पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था न होने से यात्रियों को ऑटो और कैब चालकों की मनमानी का शिकार होना पड़ रहा है। यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जा रहा है और यह स्थिति दैनिक यात्रियों के लिए असहनीय होती जा रही है। उन्होंने इसका जिम्मेदार सरकार और प्रशासन की उदासीनता को ठहराया है।
यह चिंताजनक है कि ये सभी स्टेशन घनी आबादी वाले क्षेत्रों में स्थित हैं। सांगानेर स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना में शामिल किया गया है और खातीपुरा स्टेशन को पहला सैटेलाइट स्टेशन घोषित किया गया है। जयपुर जंक्शन पर रीडवलपमेंट कार्य के चलते कई ट्रेनें इन स्टेशनों से चलाई जा रही हैं, बावजूद इसके पब्लिक ट्रांसपोर्ट की मूलभूत सुविधा नदारद है। यात्रियों की मांग है कि इन स्टेशनों को लोक परिवहन नेटवर्क से जोड़ा जाए।
जयपुर शहर के आसपास के रेलवे स्टेशनों से महज 5 किलोमीटर दूरी तक का यात्रियों से ऑटो और कैब का किराया 200 रुपए या उससे भी ज्यादा वसूला जाता है। गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर दिल्ली से लौटे एक यात्री ने बताया कि ऑटो रिक्शा से मानसरोवर जाने के लिए किराया पूछा तो ऑटो चालक ने 150 रुपए किराया बताया। जबकि दिल्ली से जयपुर तक करीब 250 किलोमीटर दूरी का किराया ही महज 120 रुपए लगा था।
खासकर रात के समय यात्री सबसे ज्यादा परेशान होते हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवा ठप होने के कारण उन्हें मजबूरी में प्राइवेट ऑटो और कैब का सहारा लेना पड़ता है। कई बार किराया नियत दर से तीन गुना तक वसूला जाता है। इन वाहनों की कोई रेट लिस्ट या जवाबदेही तय नहीं है।
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Published on:
16 May 2025 08:11 am
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