
ऑटो रिक्शा, ट्रैक्टर के नंबर पर कार का रजिस्ट्रेशन, फोटो एआइ
जयपुर. आरटीओ कार्यालयों में थ्री डिजिट नंबरों को फर्जी तरीके से दूसरे वाहनों में ट्रांसफर करने के लिए राज्य में एक गिरोह सक्रिय रहा है। झुंझुनूं आरटीओ कार्यालय से इस फर्जीवाड़े की शुरुआत हुई। सबसे अधिक शिकायत आने के बाद परिवहन विभाग ने जांच कराई तो बड़े फर्जीवाड़े की पोल खुली। यहां 659 की जांच में 653 वाहनों के नंबरों में गड़बड़ी मिली। विभाग की जांच शुरू होने के बाद अब हड़कंप मच गया है।
इन नंबरों को फर्जी तरीके से दूसरे वाहन स्वामियों के नाम कर दिए गए। 183 वाहनों के नंबरों का ही रिकॉर्ड मिला। यानी 476 नंबरों का कोई रिकॉर्ड ही नहीं मिला। इसके अलावा 183 वाहनों में से 102 वाहनों की श्रेणी ही अलग मिली। यानी अफसरों, बाबुओं ने गिरोह से मिलकर ट्रक, ट्रैक्टर, बाइक और बसों के पुराने नंबरोें को फर्जी तरीके से हेरफेर कर लग्जरी कारों में ट्रांसफर कर दिया। कई नंबर ऐसे थे, जिनका परिवहन विभाग के वाहन पोर्टल पर कोई रिकॉर्ड नहीं है। यानी मनमाने तरीके से नंबर बना लिए और ट्रांसफर कर दिए।
झुुझुनूं से पुराने वाहनों के नंबरों का फर्जीवाड़ा शुरू होने के बाद यहां से अफसरों ने अपने तबादले दूसरे आरटीओ कार्यालयों में करा लिए। बड़ी संख्या में झुंझुनूं में फर्जीवाड़ा होने के बाद सलूंबर कार्यालय में फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया। इसके बाद बूंदी, सवाईमाधोपुर, दौसा, जयपुर, भरतपुर सहित कई आरटीओ कार्यालयों में गिरोह सक्रिय हुआ। छोटेे जिलों के आरटीओ कार्यालयों को इस फर्जीवाड़े के लिए चिह्नित किया जाता।
आरटीओ कार्यालयों से पुराने वाहन का फर्जी तरीके से एक नंबर निकलवाने के गिरोह 10 लाख रुपए तक खर्च करता। गिरोह अलग-अलग आरटीओ कार्यालयों से एक साथ बड़ी संख्या में नंबर निकलवाता और नंबरों की डिजिट के हिसाब से 35 लाख तक रुपए सौदा करता।
मक्खनलाल जागिड़ : 2016 से 2018
मनोज कुमार: 2018 से 2019
मक्खनलाल जागिड़: 2019 से 2022
संजीव दलाल: 2022 से 2024
मक्खनलाल जागिड़: 2024 से अभी तक
परिवहन निरीक्षक, बाबू और सूचना सहायक
सुमित कुमार, ओकारमल जागिड़, रोहिताश सिंह, उम्मेद सिंह, सुरेन्द्र गुलिया, गजेन्द्र सिंह, ओमप्रकाश शर्मा, अभिलाषा, अनिल कुमार, अशोक कुमार रोलन, पिंकी।
Updated on:
07 Jul 2025 08:37 am
Published on:
07 Jul 2025 08:36 am
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