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Sharadiya Navratri 2023: श्याम बाग में विराजित है बीजासन माता, 45 दिन भरता है मेला, देशभर से आते भक्त

Bijasan Mata Mandir: इन्द्रगढ़ वाली बीजासण माता आमेर में भी विराजित है। यहां श्याम बाग में माताजी मावलियान के नाम से पूजी जा रही है। बीजासण माता सहित यहां मां दुर्गा के 7 स्वरूप में दर्शन हो रहे है।

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जयपुर। इन्द्रगढ़ वाली बीजासन माता आमेर में भी विराजित है। यहां श्याम बाग में माताजी मावलियान के नाम से पूजी जा रही है। बीजासन माता सहित यहां मां दुर्गा के 7 स्वरूप में दर्शन हो रहे है। माता के दरबार में देशभर से सभी सम्प्रदाय व जाती के लोग जात देने आते है। साल के 365 दिन में यहां 45 दिन मेला भरता है। जबकि दो बड़े नवरात्र में यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है।

मंदिरश्री माताजी मावलियान देवस्थान विभाग के अधिन है। यह मंदिर आत्मनिर्भर श्रेणी में शामिल है। जानकारों की मानें तो पूर्व महाराजा मानसिंह प्रथम के पुत्र श्याम सिंह ने यहां एक बाग बनवाया, जिसे आज भी श्याम बाग के नाम से जाना जाता है। इस बाग में फलदार पौधे के साथ फूलदार व लताएं भी लगाई गई। 17वीं सदी के मध्य तक यह बाग विकसित किया गया। इस बाग का उल्लेख नीलकंठ कवि ने अपने काव्य 'गुणदूत' में भी किया है। बाग के निर्माण के दौरान ही माता की स्थापना करवाई गई। यहां माता सातों बहिनों के साथ विराजित है।

15—15 दिन के लगते मेले
मंदिरश्री माताजी मावलियान में साल में वैशाख, माघ व भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से पूर्णिमा तक 15—15 दिन के मेले भरते है। वहीं चैत्र व शारदीय नवरात्र में यहां मेले जैसा माहौल रहता है। ऐसे में साल में करीब 45 दिन माता के दरबार में भक्तों की भीड़ रहती है। मंदिर में देशभर से भक्त माता के दर्शनों के लिए आते हैं। मंदिर से जुड़े लोगों ने बताया कि मंदिर में हिन्दू धर्म के साथ मुस्लिम, जैन, इसाई सहित सभी सम्प्रदाय के लोग माता के दरबार में आते है। इस बाग को लोग परियो के बाग के नाम से भी जानने लगे है।

मावे की गुंजियों का लगता भोग
माता मावलियान के रोजाना दर्शन सुबह 6 बजे खुलते है। प्रतिदिन सुबह 6 से दोपहर 12 बजे और शाम 5 से 7 बजे तक दर्शन खुलते है। नवरात्र में सुबह 6 से दोपहर डेढ़ बजे तक माता के दर्शन खुलते है। माता को रोजाना मावे की गुंजियों और मावे से बनी मिठाइयों का भोग लगता है।

नवरात्र में लगती जात
माता मावलियान के नवरात्र में लोग जात देने आते है। मनौतियां पूरी होने पर लोग यहां आकर मुंह झूठा करके जाते है। यहां दर्शनों के लिए आने वाले लोग अपने साथ भोजन लेकर आते है और यहां बाग में बैठकर मुंह झूठा करके जाते है।

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बीजासन माता का स्थान
जानकारों की मानें तो बीजासन माता के 7 प्रमुख स्थानों में यह भी एक स्थान है। यह मंदिर बीजासण माता के इन्द्रगढ़, सामोद जैसे मंदिरों में शामिल है।