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बाइक बनी पार्ट टाइम कमाई का जरिया, बढ़ावे से कम होगी बेरोजगारी

बाहर से आए स्टूडेंटस पढ़ाई के साथ कर रहे कमाई... पार्ट टाइम राइडर्स के लिए कमर्शियल पंजीयन की बाध्यता खत्म करने की मांग।

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जयपुर

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Shipra Gupta

May 08, 2023

जयपुर। बेरोजगारी बढ़ रही है और रोजगार के तरीकों का स्वरूप बदलता जा रहा है। इस बदलते दौर में युवा पार्ट टाइम कमाई के अलग-अलग तरीके तलाश रहे हैं। इन्हीं में से एक है ऑन कॉल बाइक राइडिंग सर्विस। अभी तक केवल अपने सफर के लिए बाइक, स्कूटी का इस्तेमाल किया जा रहा था। अब लोग इन वाहनों का उपयोग पार्ट टाइम कमाई के लिए भी कर रहे हैं। शहर में ऐसे हजारों युवा हैं जो दूसरे जिलों के है और जयपुर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। यहां पढ़ाई या किसी दूसरे फुल टाइम काम के साथ पार्ट बाइम बाइक सर्विस देकर दिन के 500-700 रूपए कमा रहे हैं।

दूसरी तरफ परिवहन विभाग ने कैब की तरह ही बाइक के लिए ही कमर्शियल पंजीयन अनिवार्य कर रखा है। जो बेरोजगार युवा निजी बाइक से ऑन कॉल बाइक राइडिंग की सर्विस दे रहे हैं, उन्हें भी हर दिन चालान होने का डर सताता रहता है। युवाओं का कहना है कि कमर्शियल पंजीयन तब करवाए, जब यह काम स्थाई रूप से करना हो। जिस दिन थोड़ा समय होता है, उसी दिन बाइक सर्विस का काम करते हैं। कभी महीने में 8-10 दिन ही हो पाता है। पार्ट टाइम काम के लिए बाइक का प्राइवेट से कमर्शियल पंजीयन भी कैसे करवाएं। ऐसे में शहर में पार्ट टाइम बाइक सर्विस देने वालों के लिए कमर्शियल पंजीयन की बाध्यता खत्म की जानी चाहिए। इससे युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे।


मध्यम वर्ग की पहली पसंद है बाइक सर्विस

ऑनलाइन कैब कंपनियां बाइक राइडिंग सर्विस की उपलब्O करवा रही हैं। यों कहे कि कैब कम्पनियों की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली सर्विस बाइक ही है। कैब के मुकाबले सस्ती होने के कारण मध्यम वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा पसंद आ रही है। कैब से करीब 30 फीसदी किराए में ही बाइक एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचा देती है। सफर का समय भी कैब से कम होता है।

ये बोले युवा

मैं पहले ज्वैलरी का काम करता था। जब से सोने-चांदी के दाम बढ़े हैं, काम नहीं है। पार्ट टाइम काम के तौर पर बाइक राइडिंग सर्विस दे रहा हूं। अभी हर दिन 25-30 राइड हो जाती है। करीब 700-800 रूपए बच जाते हैं। जिस दिन फुल टाइम यही काम करूंगा, तब कमर्शियल पंजीयन करवाउंगा। सरकार को भी इसमें रियायत देनी चाहिए।

– राजेंद्र प्रजापत, लूणियावार, गोनेर रोड

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मैं बूंदी जिले का रहने वाला हूं और बस चलाता हूं। अभी चार महीने से जयपुर में बाइक सर्विस का काम कर रहा हूं। यह काम नियमित नहीं करूंगा। कमर्शियल पंजीयन उनके लिए जरूरी है, जो फुल टाइम यही करते हैं। कुछ दिन बाद जब यह नहीं करूंगा तो फिर प्राइवेट में गाड़ी कन्वर्ट कैसे होगी।

– दिनेश चौधरी, बूंदी निवासी

https://www.dailymotion.com/embed/video/x8kr9zo

मैंने 2019 में यह काम शुरू किया था। चार साल से ऑन-कॉल बाइक सर्विस दे रहा हूं। चार साल पहले नियम ज्यादा सख्त थे। उस समय प्राइवेट नंबर की गाड़ी को टैक्सी सर्विस में नहीं लगा सकते थे। तभी मैंने बाइक का कमर्शियल रजिस्ट्रेशन करवा लिया था। इससे मुझे सहूलियत रहती है।

– निखिल, मानसरोवर निवासी