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बीसलपुर टॉप लेवल छूने को बेताब … अफसर अलर्ट मोड पर

315.50 आरएल मीटर है कुल जलभराव क्षमता बांध का आज गेज 313.09 आरएल मीटर

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जयपुर की लाइफलाइन है बीसलपुर डेम
315.50 आरएल मीटर है कुल जलभराव क्षमता
बांध का आज गेज 313.11 आरएल मीटर
कुल जलभराव लेवल छूने पर खुलेंगे बांध के गेट

जयपुर। गुलाबीनगर के बाशिंदों को सालभर पीने का पानी उपलब्ध कराने का प्रमुख स्त्रोत बीसलपुर बांध तेजी से छलकने के कगार पर पहुंच गया है। बांध का पिछले 24 घंटे में 16 सेंटीमीटर तक बढ़कर 313 आरएल मीटर के पार पहुंच गया है। वहीं सिंचाई विभाग ने बांध में कुल जलभराव लेवल छूने पर बांध के गेट खोलने की तैयारियों को अंतिम देना शुरू कर दिया है। बांध के सभी 18 गेट व मशीनरी की जांच पिछले दिनो की गई है और विभाग ने बांध पर चौबीस घंटे निगरानी बढ़ा दी है।

टॉप लेवल छूने पर होगा फैसला
बीसलपुर डेम पर सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि बांध की कुल जलभराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है और त्रिवेणी से होकर बांध में पानी की आवक तेजी से होने पर आज बांध का जलस्तर 313.11 आरएल मीटर पहुंच चुका है। बांध में पानी उच्चतम स्तर छूने के बाद ही बांध के गेट खोलकर पानी की निकासी का निर्णय लिया जाएगा। इसके अलावा त्रिवेणी से होकर बांध तक पहुंच रहे पानी की आवक की रफ्तार का देखते हुए बांध के गेट खोले जाएंगे। त्रिवेणी से यदि पानी की आवक धीमी होती है तो गेट खोलने की बजाय बांध में पानी के उच्चतम स्तर को मेंटेन रखा जाएगा।

तैयारियां पूरी, 24 घंटे निगरानी
विभाग के अनुसार बांध में हो रही पानी की आवक बढ़ने पर सिंचाई विभाग के कर्मचारी गेट खोलने की कवायद को लेकर पूर्वाभ्यास कर चुके हैं। बांध पर लगाए सायरन के साथ बांध के गेट, मोटर आदि की चैकिंग मानसून पूर्व की गई है वहीं डेम पर सुरक्षा को लेकर चौबीस घंटे निगरानी के लिए सुरक्षाकर्मी और कर्मचारी तैनात किए गए हैं।

गेट खुले तो यह होगा
बीसलपुर बांध ओवरफ्लो होने की स्थिति पर सिंचाई विभाग जिला कलक्टर, तहसीलदार, पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी समेत ग्रामीणों को अलर्ट की सूचना दी जाएगी। बांध के गेट खोले जाने से पूर्व बांध पर बाकायदा सायरन बजाकर और नहर के किनारे बसे गांवों में मौखिक तौर पर माइक के जरिए सिंचाई विभाग ग्रामीणों को अलर्ट किया जाता है। डेम के आस पास मौजूद लोगों और वाहनों को हटाने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में डेम के गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू करने की रस्म अदायगी की जाती है।