
Bisalpur Project : जयपुर शहर का जिस तरह से विस्तार हो रहा है, उसी तरह से पेयजल जरूरतें भी बढ़ रही हैं। शहर की बढ़ती पेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए बीसलपुर प्रोजेक्ट बनाया गया था, लेकिन यही प्रोजेक्ट अब खामियों का प्रोजेक्ट बन कर विभाग की किरकिरी करा रहा है। प्रोजेक्ट इंजीनियर बीते पांच साल में शहर की बढ़ती पेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए बीसलपुर से जयपुर तक नई पाइप लाइन बिछाने का खाका तक तैयार नहीं कर सके। ऐसे में बांध में जयपुर के लिए आरक्षित 4 टीएमसी अतिरिक्त पानी का उपयोग नहीं हो पा रहा है।
व्यवस्था पर चुप्पी
बीसलपुर प्रोजेक्ट के इंजीनियर बीते पांच साल में शहर में पेयजल प्रोजेक्ट की संख्या बढ़ाते रहे। पहले 563 करोड़ रुपए की लागत से पृथ्वीराज नगर फेज प्रथम, फिर 506 करोड़ रुपए की लागत से पृथ्वीराज नगर फेज द्वितीय बना। वहीं 214 करोड़ रुपए की लागत से जगतपुरा फेज द्वितीय बना दिया। प्रोजेक्ट के इंजीनियरों का पूरा फोकस तीनों प्रोजेक्ट के टेंडर करने पर ही रहा। कागजों में पानी की मांग का भी आकलन कर लिया, लेकिन विस्तारित हो रहे जयपुर में बसी आबादी के लिए पानी की सप्लाई कैसे होगी, इस पर चुप्पी साधे बैठे रहे। जबकि नई पाइप लाइन बिछाने पर कोई काम नहीं किया। जब भी नई पाइप लाइन बिछाने की बात शुरू हुई तो बांध में पानी आरक्षण का मामला जल संसाधन विभाग पर डालते रहे।
मौजूदा पाइप लाइन पर नहीं बढ़ा सकते दबाव
प्रोजेक्ट के इंजीनियरों ने मौजूदा पाइप लाइन से 110 एमएलडी अतिरिक्त पानी लेने के लिए रेनवाल में इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन तैयार किया है, लेकिन इंजीनियर ही दबी जुबान में कह रहे हैं कि मौजूदा पाइप लाइन 16 वर्ष पुरानी हो चुकी है। इस पर और दबाव नहीं बढ़ा सकते। गर्मी में बीसलपुर सिस्टम से ज्यादा पानी लिया तो लाइन में कई जगह लीकेज आ जाएगा।
इतने पानी की है जरूरत
पृथ्वीराज नगर फेज-प्रथम-19 टंकियां
पानी की मांग-40 एमएलडी प्रतिदिन
पृथ्वीराज नगर फेज द्वितीय-46 टंकियां
पानी की मांग-80 एमएलडी प्रतिदिन
जगतपुरा फेज द्वितीय
पानी की मांग-20 एमएलडी प्रतिदिन
Published on:
26 Feb 2024 10:43 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
