
कांग्रेस सात फीसदी वोट बढ़े तो 419 पार्षद बन गए, भाजपा आठ प्रतिशत मत गिरे तो 195 वार्ड खिसक गए
अश्विनी भदौरिया / जयपुर। निकाय चुनावों के परिणाम आने के बाद कांग्रेस अपने प्रदर्शन से खुश है। कांग्रेस नेता इसको अब तक का निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन आंक रहे हैं। वहीं भाजपा भी इस प्रदर्शन से ज्यादा नाखुश नहीं है। इसके पीछे भाजपाइयों का तर्क कि महज 3.67 फीसदी वोट ही कांग्रेस को ज्यादा मिले हैं। वहीं कांग्रेस इसके आंकड़ों में उलझाने की राजनीति करार दे रही है।
20 निकायों में कांग्रेस को और छह में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला। शेष निकायों पर दोनों दलों की निगाहें हैं। वोट स्विंग की बात करें तो जो वोट प्रतिशत भाजपा का कम हुआ है, लगभगत उतना प्रतिशत ही कांग्रेस का बढ़ा। 2014 के निकाय चुनावों में भाजपा को 41.34 फीसदी वोट मिले थे। इस बार घटकर वोटिंग प्रतिशत 33.40 रह गया। यानी 7.94 फीसद कमी आई। इसका खामियाजा भाजपा को 195 वार्ड खोकर चुकाना पड़ा।
वहीं कांग्रेस की बात करें तो इस निकाय चुनाव में पार्टी को 37.07 फीसदी वोट मिले, जो 2014 की तुलना में 6.72 फीसदी अधिक हैं। इसी के चलते पार्टी ने 419 वार्डों में पार्षद बने और आकंड़ा बढ़कर 931 तक पहुंच गया 49 निकायों में हुए चुनाव वार्डों के परिसीमन के बाद हुए। ऐसे में वार्डों की संख्या भी बढ़ गई। पिछले निकाय चुनावों में 1612 वार्ड थे। इस बार बढ़कर 2105 हो गए। 493 नए वार्ड बने।
पिछली बार रहा सर्वाधिक अंतर
वोट शेयर के मामले में पिछले चार निकाय चुनावों पर गौर करें तो सर्वाधिक अंतर 2014 के निकाय चुनाव में ही रहा है। इसमें भाजपा को 41.34 फीसदी वोट मिले थे और कांग्रेस को 30.35 फीसदी वोट मिले। करीब 11 फीसदी का अंतर था। यही वजह रही कि यह भाजपा का निकायों चुनावों में श्रेष्ठ प्रदर्शन है। 2014 को छोड़ दें तो दोनों दलों के वोटों के बीच का अंतर तीन से चार फीसदी ही रहा है। इस बार भी कांग्रेस को 37.07 फीसदी और भाजपा को 33.40 फीसदी वोट मिले हैं।
भाजपा घटी, कांग्रेस बढ़ी
परिसीमन के बाद 493 वार्ड बढ़े। चुनाव नतीजे आए तो कांग्रेस ने पिछले चुनाव की तुलना में 419 वार्डों में अधिक जीत हासिल की। वहीं भाजपा 931 से आकर 736 पर ठहर गई। यानि 195 पार्षद इस बार पार्टी के कम जीते। वहीं वार्ड बढऩे के साथ निर्दलीय पार्षदों ने भी दम भरा। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार 74 पार्षद अधिक जीते। निर्दलीय पार्षदों पर ही दोनों दल बोर्ड बनाने का दम भर रहे हैं।
Published on:
22 Nov 2019 06:12 pm
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