15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस में कौन होंगे उम्मीदवार, दिल्ली से आ रही ये खबर

कांग्रेस लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां कर रही है।

2 min read
Google source verification
congress.jpg

Rajasthan Congress

जयपुर। कांग्रेस लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां कर रही है। ताकी लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की जा सके। ऐसे में उम्मीदवार चयन को लेकर मंथन चल रहा है। दिल्ली में कल राजस्थान में लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान प्रत्येक सीट पर 2-3 दावेदारों के नामों पर चर्चा की गई। विधायकों और प्रमुख नेताओं के नाम भी मीटिंग में खूब चले। हालांकि प्रमुख बड़े नेताओं की चुनाव लड़ने में रूचि नहीं दिखी। राजस्थान से इस बैठक में तीन नेता मौजूद रहे। इनमें पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और सचिन पायलट बैठक में रहे। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वास्थ्य कारणों की वजह से नहीं पहुंच सके। स्क्रीनिंग कमेटी चेयरमैन गौरव गोगोई की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, भंवर जितेन्द्र सिंह, काजी निजामुद्दीन सहित पूर्व सांसद करण सिंह और अमृता धवन भी शामिल हुई।

स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि इस बैठक में कार्यकर्ताओं के उत्साह को लेकर चर्चा हुई। जिस तरह से राजस्थान के विधानसभा चुनाव में करीब डेढ़ फीसदी वोटों का फर्क रहा। इस बार के चुनाव में पार्टी उसे कवर करने का प्रयास करेगी। पायलट ने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि हम जनता से जुड़े मुद्दों पर चुनाव लड़े। भाजपा पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वह भावनात्मक और विवादित मुद्दों को चुनावी दौर में हवा देने की कोशिश करते हैं। टिकटों के वितरण पर सचिन पायलट ने कहा कि अंतिम निर्णय पार्टी लेगी। फिलहाल बैठक में सभी ने अपना फीडबैक सौंप दिया है।

अब 15 या 16 फरवरी को फिर होगी मीटिंग...

लोकसभा चुनावों में दावेदारों को लेकर कांग्रेस में मंथन हो रहा है। ऐसे में अब दिल्ली में 15 या 16 फरवरी को फिर बैठक होगी। जिसमें मजबूत दावेदारों के नामों को लेकर चर्चा होगी। हो सकता है कि इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हो। कांग्रेस की ओर से कोशिश की जा रही है कि बड़े नेताओं को मैदान में उतारा जाएं। वही बड़े नेता इसमें रूचि नहीं दिखा रहे है।