
आज के तकनीकी दौर में उपभोक्ता सीधे ही ई-मेल, व्हाट्स अप, फेसबुक, ट्वीट्र जैसी सोशल मीडिया से जुड़े हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजीटल इंडिया मिशन को लागू करने में देश में सबसे अहम रोल निभाने वाला भारत संचार निगम (बीएसएनएल) आज भी बरसों पुरानी परम्पराओंÓ में काम कर रहा है।
बीएसएनएल के राजस्थान के हर दूरसंचार जिले पर लगने वाली टेलीफोन अदालत के लिए आज भी निगम लिफाफाÓ पद्धति पर ही लोगों से शिकायतें मांग रहा है। इसके लिए लिफाफे के ऊपर टेलीफोन अदालत लिखने की सूचना उपभोक्ताओं को दी जाती है।
ऐसी व्यवस्था से एक-दो शिकायतें ही आती: अदालत में टेलीफोन खराब रहने, स्थानान्तरण, अधिक बिल आने आदि शिकायतों का निस्तारण किया जाता है। इस व्यवस्था के चलते शिकायतें नहीं के बराबर आती है। दो माह में एक बार होने वाली टेलीफोन अदालत में एक से तीन मामले उदयपुर में सामने आते हैं। यही स्थिति अन्य दूरसंचार जिलों की है।
हां, इस बारे में कभी सोचा नहीं। वैसे मानव संसाधन की भी कमी है। डाक के जरिए तो शिकायत रिकार्ड में दर्ज हो जाती है, लेकिन ऑनलाइन में पूरा ध्यान रखना होता है। इस बारे में विचार करेंगे।
- श्रवण कुमार, महाप्रबंधक, बीएसएनएल, उदयपुर दूरसंचार
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