
Budh Ka Rashi Parivartan 2021 Mercury Transit April 2021
जयपुर. नवग्रहों में बुध को युवराज का दर्जा दिया गया है। बुध देव बुद्धि, वाणी और व्यापार के कारक ग्रह हैं। कुंडली में इनकी शुभ-अशुभ स्थिति का सर्वाधिक असर इन्हीं चीजों पर होता है। बुध यदि शुभ हैं, उच्च के हैं या कारक ग्रह हैं तो बुद्धि तेज होगी, बातें लुभावनी होंगी और व्यापार में खासी सफलता प्राप्त होगी। बुध की अशुभता की स्थिति में प्रतिकूल परिणाम प्राप्त होंगे।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि 16 अप्रैल की रात बुध की चाल बदल गई है। बुध मीन राशि से निकलकर मेष राशि में आ गए हैं। 30 अप्रैल तक बुध अब मेष राशि में ही रहेंगे। इस राशि परिवर्तन का सभी लोगों, खासतौर पर व्यापारियों पर व्यापक असर होगा। बुध के इस गोचर से कुछ लोगों को लाभ होगा जबकि कुछ लोगों की परेशानियां बढ़ेंगी।
बुध मिथुन और कन्या राशियों के स्वामी हैं। ये स्वभावत: शुभ ग्रह माने जाते हैं लेकिन यदि क्रूर ग्रह के साथ हों तो ज्यादा अच्छे परिणाम नहीं मिलते। बुध ग्रह के अशुभ असर को दूर करने के लिए और शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए गणेशजी की पूजा करना सबसे अच्छा उपाय है। गणेश पूजन से बुध प्रसन्न होते हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार बुधवार को गणेशजी की पूजा कर उन्हें दूर्वा जरूर चढ़ाएं। गणेशजी के सरल मंत्र ऊं गं ऊं का जाप करें। हर बुधवार को बुध ग्रह के बीज मंत्र ऊं ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः का जाप करना चाहिए। किसी गाय को हरी घास खिलाएं या गौशाला में का दान करें। जरूरतमंदों को हरी मूंग का दान करने से भी बुध देव प्रसन्न होते हैं।
Published on:
17 Apr 2021 04:31 pm
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