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बूंदी का मेजा… जयपुर का रामगढ़ बांध होगा लबालब! ERCP का नोटिफिकेशन हुआ जारी; इन 3 जिलों को मिलेगा बड़ा फायदा

पीकेसी ईआरसीपी के तहत नवनेरा बांध से बीसलपुर व ईसरदा को नहर से जोडने वाली परियोजना पर जल्द कार्य शुरू होने की आस जगी है।

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ramgarh and meja dam

रामगढ़ और मेजा बांध

राहुल सिंह/बनवारी वर्मा

अब तक मानसून में बारिश के मौसम पर निर्भर बीसलपुर बांध का जलभराव अगले चार वर्ष बाद हमेशा जल से लबालब भरा नजर आएगा। पीकेसी ईआरसीपी के तहत नवनेरा बांध से बीसलपुर व ईसरदा को नहर से जोडने वाली परियोजना पर जल्द कार्य शुरू होने की आस जगी है।

इनके निर्माण को लेकर सरकार की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है। जल्द ही उक्त परियोजना पर आपत्तियां मांगी जाने के साथ ही अगले दो माह का समय दिया जाएगा। यह कार्य चार वर्ष में पूर्ण कर अगले 2028 तक पूरा करने की योजना है।

तीन जिलों में मिलेगी जल संकट से राहत

नवनेरा बांध से बूंदी के रामगढ़ होकर मेज बांध व मेज बांध से उनियारा के गलवा बांध और फिर गलवा से बीसलपुर बांध व ईसरदा को जोड़ा जाएगा। परियोजना पर 4600 करोड़ रुपए की लागत आएगी। कार्य जल्द शुरू होकर 2028 तक पूरा होने की सम्भावना है। इससे टोंक, सवाईमाधोपुर व बूंदी जिले में पर्याप्त जलापूर्ति होने से जल संकट से निजात मिलेगी।

ड्रोन सर्वे पूरा

ड्रोन सर्वे पूर्व में ही पूरा हो चुका है, ईआरसीपी के तहत अन्य कार्य जारी है। नवनेरा से
बीसलपुर व ईसरदा को जोड़ने वाली परियोजना के तहत नहर की चौड़ाई करीब 100 से 130 मीटर ली जा रही है। सीमांकन किया जा रहा है। सर्वे कार्य पूर्ण होकर आपत्ति अनापत्ति का समय दिया गया जा चुका है। उसके बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

134 किमी का सफर तय करेगी नहर

नवनेरा से आनी वाली नहर रामगढ़ विषधारी अभयारण्य होती हुई बूंदी के मेज बांध, मेज बांध
से 134 किमी का सफर तय कर उनियारा स्थित गलवा बांध, गलवा से ईसरदा व दूसरी बीसलपुर बांध पहुंचेगी। ईआरसीपी के तहत ईसरदा से जयपुर के रामगढ़ बांध को भी जोड़ा जाएगा। इसके बाद पानी के अभाव में सूखे पड़े रामगढ़ बांध में फिर पानी हिलोरें लेने लगेगा।

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