
पत्रिका फाइल फोटो
Rajasthan Politics: चुनाव आयोग ने राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव और बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। अंता में उपचुनाव के लिए मतदान 11 नवंबर 2025 को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी। वहीं, बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे, जिसमें 6 और 11 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों राज्यों में मतदाता सूची को एसआईआर के तहत अपडेट किया गया है। जिन मतदाताओं के नाम छूट गए हैं, वे नामांकन से 10 दिन पहले तक सूची में शामिल करवा सकते हैं। नए मतदाताओं को वोटर कार्ड जारी किए जाएंगे।
बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं और करीब 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 14,000 से अधिक 100 वर्ष से ऊपर के हैं। राज्य में 14 लाख नए मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। पोलिंग बूथ तक मोबाइल ले जाने की अनुमति होगी। जो लोग मतदान केंद्र नहीं पहुंच सकते, वे फॉर्म 12डी भरकर घर से वोट डाल सकेंगे। चुनाव प्रक्रिया 40 दिनों में पूरी होगी और 22 नवंबर 2025 तक समाप्त होनी है।
अंता में उपचुनाव इसलिए हो रहा है, क्योंकि बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई, जिससे सीट खाली हुई। 2005 में उपसरपंच चुनाव के दौरान उन पर एसडीएम पर पिस्तौल तानने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा था। इस मामले में उन्हें तीन साल की सजा मिली। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी, जिसके बाद उन्होंने मनोहर थाना कोर्ट में सरेंडर किया। इसके परिणामस्वरूप, 1 मई 2025 को उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई।
अंता उपचुनाव बीजेपी और कांग्रेस, दोनों के लिए प्रतिष्ठा का विषय है। 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कंवरलाल मीणा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को 5,000 से अधिक वोटों से हराकर यह सीट जीती थी। कंवरलाल पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं। बीजेपी के लिए यह सीट सरकार की साख को मजबूत करने का अवसर है।
बीजेपी कंवरलाल की पत्नी भगवती मीणा को सहानुभूति के आधार पर या पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी को टिकट दे सकती है, जो 'माली' समाज से हैं और इस क्षेत्र में इस समाज का बड़ा वोट बैंक है। इसके अलावा, स्थानीय नेता आनंद गर्ग भी टिकट की रेस में हैं।
वहीं, कांग्रेस में प्रमोद जैन भाया मजबूत दावेदार हैं, जिन्होंने 2003, 2008 और 2018 में यह सीट जीती और दो बार मंत्री रहे। हालांकि, भजनलाल शर्मा सरकार में उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों के चलते उनकी पत्नी उर्मिला जैन भाया को टिकट देने की चर्चा है। कांग्रेस उर्मिला के जरिए महिला वोटरों और सहानुभूति कार्ड का लाभ उठाने की रणनीति बना सकती है। इसके अतिरिक्त, निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नरेश मीणा भी मैदान में उतर सकते हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो दशकों में राजस्थान की अंता सीट राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रही है, जहां बीजेपी और कांग्रेस ने बारी-बारी से जीत दर्ज की। 2008 और 2018 में कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया विजयी रहे, वहीं 2013 में बीजेपी के प्रभुलाल सैनी और 2023 में कंवरलाल मीणा ने जीत हासिल की। स्थानीय कार्यकर्ता लंबे समय से स्थानीय उम्मीदवार की मांग उठाते रहे हैं।
Updated on:
06 Oct 2025 05:03 pm
Published on:
06 Oct 2025 04:53 pm
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