ऊंटों की तस्करी बनी अब चिंता का विषय,हरियाणा के रास्ते यूपी बिहार जा रहे ऊंट
जयपुरPublished: Feb 25, 2020 08:50:06 am
हाल ही पकड़े गए तस्करों ने किया अहम खुलासा
Camel smuggling is now a matter of concern, camels going to UP Bihar
जयपुर
राज्य पशु घोषित किए गए ऊंटों की तस्करी अब चिंता का विषय बनती जा रही है। ऊंटों की तस्करी और बाहर ले जाने पर रोक और उपयोगिता में कमी आने के कारण प्रदेश में अब ऊंटों के अस्तित्व पर संकट आने लगा है। ऊंट के वध पर अंकुश के लिए राज्य में कानून लागू होने के बावजूद भी रेगिस्तान के जहाज ऊंट की तस्करी रुक नहीं रही है। जिससे अब ऊंटों के अस्तितव पर संकट आ गया है। हाल ही में फिर से ऊंट की तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। जिनसे पूछताछ में ऊंटों की तस्करी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। गोगामेड़ी थाना पुलिस ने पांच तस्करों को गिरफ्तार कर इनसे 48 ऊंट बरामद किए हैं।
पशुमेलों से ऊंट खरीद कर रहे तस्करी
पकड़े गए तस्करों ने पूछताछ में अहम खुलासा किया है। जिसमें बताया है कि वह पशुमेलों से ऊंटों के खरीदकर तस्करी करते है। तस्करी के लिए वह ऊंटों को मालिक से खरीद कर लाते है और राजस्थान से हरियाणा बॉर्डर पार करवा देते है। फिर हरियाणा से इन्हें यूपी और बिहार में भेज देते है जहां पर बूचडखानों में इन्हें बेचा जाता है। तस्करों ने बताया कि ऊंट का मांस और खाल के विदेशों में काफी दाम मिलते हैं। तस्कर राजस्थान से होते हुए हरियााणा,हरियाणा से यूपी और बिहार इन्हें तस्करी के लिए ले जाते हैं।
लगातार आ रही ऊंटों की संख्या में कमी
20वीं राष्ट्रीय पशुधन गणना की माने तो गत वर्षों के मुकाबले लगातार राजस्थान में ऊंटों की संख्या में कमी आ रही है। वर्ष 2012 में जहां राजस्थान में 3.26 लाख ऊंट थे, जो वर्ष 2019 में घटकर 2.13 लाख ही रह गए हैं। देश के करीब 82 फीसदी ऊंट राजस्थान में पाए जाते हैं। बताया जाता है कि साल 1961 में राजस्थान में ऊंटों की संख्या करीब 10 लाख थी। इसके बाद ऊंटों की संख्या में गिरावट का दौर शुरू हो गया। साल 2003 में ऊंटों की संख्या घटकर 4 लाख 98 हजार ही रह गई। साल 2007 में राजस्थान में यह संख्या घटकर 4 लाख 22 हजार ही रह गई। ऊंट संख्या में भारत तीसरे स्थान पर रहने वाला देश था। जो अब नौवें स्थान पर आ गया है। वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि अगर ऊंटों की संख्या बढ़ाने का कोई कारगर उपाय नहीं किया गया तो यह देश से विलुप्त हो जाएंगे। क्योकि गुजरात में ऊंटों की संख्या 30 हजार से घटकर 28 हजार, उत्तर प्रदेश में 8 हजार से घटकर 2 हजार, और हरियाणा में 19 हजार से घटकर यह 5 हजार ही रह गई है।