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सावधानः घटिया डायपर के इस्तेमाल से शिशुओं की त्वचा पर दाने-खुजली

लंबे समय तक शिशुओं को डायपर पहनाने से उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। खास तौर पर घटिया मैटेरियल और घातक केमिकल तत्वों से बनाए गए डायपर नवजात और शिशुओं के लिए स्किन एलर्जी (चकते-दाने-खुजली) समेत कई रोगों का कारण बन रहे हैं। जेके लॉन अस्पताल के ओपीडी में रोजाना इस तरह के […]

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जयपुर

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Amit Pareek

Mar 29, 2025

jaipur

लंबे समय तक शिशुओं को डायपर पहनाने से उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। खास तौर पर घटिया मैटेरियल और घातक केमिकल तत्वों से बनाए गए डायपर नवजात और शिशुओं के लिए स्किन एलर्जी (चकते-दाने-खुजली) समेत कई रोगों का कारण बन रहे हैं। जेके लॉन अस्पताल के ओपीडी में रोजाना इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि लंबे समय तक डायपर के इस्तेमाल से शिशुओं की त्वचा पर लालिमा और छाले हो जाते हैं। इसकी वजह से बच्चा दर्द और जलन के कारण रोने लगता है।

'नारियल के तेल का करें इस्तेमाल'

सेटेलाइट अस्पताल, रामगंज की वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. ताहिरा यूसुफ ने बताया कि ऐसे डायपर का इस्तेमाल करें जिसमें केमिकल तत्वों का इस्तेमाल न हो। ज्यादा ढीले और टाइटडायपर पहनाने से भी बचना चाहिए। इसके अलावा डायपर लगाने से पहले नारियल के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। जो बच्चों की नाजुक त्वचा की रक्षा करता है।

केस 1.

परकोटा निवासी सारा अजीज ने बताया कि उनकी दो साल की बेटी के शरीर पर एकाएक एलर्जी हो गई। चंद घंटों में ही यह काफी फैल गई। जेके लोन में दिखाया तो डॉक्टर ने दवाएं और क्रीम लिखी। साथ ही डायपर लगाने के लिए सख्ती से मना कर दिया।

केस 2

मानसरोवर के नितिन शर्मा ने बताया कि उनके एक साल के बेटे के डायपर को घंटों बाद बदलते थे। नतीजा यह हुआ कि डायपर लगाने की जगह त्वचा लाल हो गई और छोटे दाने उभर आए। डाक्टर ने बताया कि केमिकल युक्त डायपर के कारण एलर्जी हुई है।

शिशुओं को मजबूरी में ही डायपर पहनाएं। कोशिश करें कि सूतीकपड़े का इस्तेमाल किया जाए। लंबे समय तक डायपर पहनाने से बच्चा गंदगी में रहता है, इसलिए एलर्जी समेत कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं।

डॉ. कैलाश मीना, अधीक्षक, जेके लोन अस्पताल