
Chaitra Navratri 2020 Dates
जयपुर-
चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवरात्रि प्रारंभ होती है और रामनवमी को इसका समापन होता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्र 25 मार्च से प्रारंभ होगी और समापन 3 अप्रैल को होगा। दुर्गा अष्टमी और नवमी क्रमशः 01 और 02 अप्रैल को है। चैत्र नवरात्रि के दौरान शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। पंडित दीपक दीक्षित बताते हैं कि चैत्र नवरात्रि के लिए घट स्थापना 25 मार्च को होगी। इसके लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर 07 बजकर 17 मिनट तक है।
चैत्र नवरात्रि
पहला दिन— प्रतिपदा - इस दिन शैलपुत्री की पूजा जाती है।
दूसरा दिन— माता ब्रह्राचारिणी की पूजा की जाती है।
तीसरा दिन— इस दिन का मुख्य अनुष्ठान चन्द्रघंटा पूजा है।
चौथा दिन— माता कूष्मांडा की पूजा करते हैं।
पांचवां दिन— माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है।
छटा दिन— माता कात्यायनी की पूजा की जाती है।
सातवां दिन— मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।
आठवां दिन— दुर्गा अष्टमी के दिन महागौरी की पूजा की जाती है।
नौवां दिन— माता सिद्धिंदात्री की पूजा की जाती है।
नौ दिन मुख्यत: त्रिदेवी को समर्पित हैं
नवरात्रि में माँ भगवती के नौ रूपों की उपासना की जाती है। देवी की साधना के लिए इस दौरान लोग विशिष्ट अनुष्ठान करते हैं। दरअसल नवरात्रि के ये नौ दिन मुख्यत: त्रिदेवी को समर्पित हैं। तीन देवियों अर्थात दुर्गाजी, लक्ष्मी और सरस्वतीजी के लिए अलग—अलग दिन निर्धारित किए गए हैं। पंडित दीपक दीक्षित के अनुसार चैत्र नवरात्रि के पहले तीन दिन माँ दुर्गा को समर्पित है। अगले तीन दिन माँ लक्ष्मी के लिए और अंत के तीन दिन माँ सरस्वती को समर्पित किए गए हैं। चैत्र नवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण नवरात्रि माना जाता है। यही कारण है कि भगवान राम ने भी चैत्र के महीने में ही दुर्गाजी की उपासना कर शक्ति प्राप्त की और रावण का वध कर विजय प्राप्त की।
Published on:
01 Mar 2020 04:09 pm
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