
Chaitra Navratri 2022
जयपुर. आगामी 13 अप्रैल से चैत्र नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं। इसी के साथ शक्ति पर्व की शुरुआत हो जाएगी। नवरात्र 21 अप्रैल तक चलेंगे। इन नौ दिनों तक दुर्गा देवी के विभिन्न नौ अलग—अलग रूपों की पूजा—अर्चना की जाती है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से रामनवमी तक चलनेवाले नवरात्र के दौरान देवी की पूजा का बहुत महत्व माना जाता है।
नवरात्र पर देवी दुर्गा की आराधना से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता है कि इन नौ दिनों तक मां दुर्गा धरती पर ही रहती हैं। यही कारण है कि आम दिनों की तुलना में नवरात्रि में दुर्गा पूजा अधिक फलदायी होती है। देवी पूजन का कई गुना ज्यादा व त्वरित फल मिलता है। इसी वजह से देवी भक्त नवरात्रि में कठिन व्रत रखते हुए दुर्गाजी की उपासना करते हैं।
इस बार चैत्र नवरात्रि मंगलवार को प्रारंभ होगी। प्रतिपदा पर कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि पर्व की शुरुआत होगी। यह हिंदू पंचांग का पहला दिन भी होता है, अर्थात इसी दिन से आनंद नामक नवसंवत्सर 2078 शुरू होगा। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं।
13 अप्रैल से 21 अप्रैल तक चलनेवाले चैत्र नवरात्र के नौ दिनों में कई शुभ मुहूर्त या योग बन रहे हैं। 13 अप्रैल यानि मंगलवार को स्वयं सिद्ध मुहूर्त के साथ ही सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग भी रहेगा। इनके अलावा भारती और हर्ष नामक शुभ योग भी बन रहे हैं। 21 अप्रैल को रामनवमी के अबूझ मुहूर्त में नवरात्र का समापन होगा। इन शुभ योगों ने चैत्र नवरात्र का महत्व और बढ़ा दिया है।
Published on:
10 Apr 2021 12:37 pm
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