
Chaitra Navratri 2021 Ghatasthapana Muhurat Chaitra Navratri Muhurat
जयपुर. 13 अप्रैल से चैत्र नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं। इसी के साथ नौ दिनों तक चलनेवाले शक्ति पर्व की शुरुआत हो जाएगी। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ होनेवाले नवरात्र रामनवमी यानि 21 अप्रैल तक चलेंगे। इस दौरान मां दुर्गा के विभिन्न नौ अलग—अलग रूपों की पूजा—अर्चना की जाती है। नवरात्र के दौरान देवी की पूजा बहुत फलदायी मानी जाती है।
नवरात्रि में देवी भक्त कठिन व्रत रखते हुए दुर्गाजी की उपासना करते हैं। माना जाता है कि इन नौ दिनों तक मां दुर्गा धरती पर ही रहती हैं। यही कारण है कि आम दिनों की तुलना में नवरात्रि में देवी पूजन का कई गुना ज्यादा व त्वरित फल मिलता है। इस बार नवरात्रि मंगलवार के दिन प्रारंभ होगी। प्रतिपदा पर कलश स्थापना के साथ ही साधना और पूजा—अर्चना की शुरुआत होगी।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि इस बार नवरात्रि पर अनेक शुभ योग बन रहे हैं। 13 अप्रैल यानि मंगलवार को स्वयं सिद्ध मुहूर्त रहेगा। इसी दिन से ही नवसंवत्सर 2078 भी प्रारंभ होगा। इस बार नवरात्र की शुरुआत भारती, हर्ष, सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग जैसे शुभ योगों में हो रही है। इससे देवी आराधना से मिलनेवाले शुभ फल और बढ़ जाएंगे।
चैत्र नवरात्रि पर मंगलवार सुबह घट स्थापना या कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 5:28 बजे से 10:14 बजे तक है। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार इस समय अनुष्ठान करना बेहद शुभ रहेगा। इस मुहूर्त में कलश स्थापना नहीं कर पाए तो अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11:56 बजे से 12:47 बजे तक कलश की स्थापना की जा सकती है।
Published on:
13 Apr 2021 06:30 am
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