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सस्ती बिजली पर बड़ा फैसला, RERC के नए आदेश से होगा सबका फायदा

Renewable Power Big decision : सस्ती बिजली (अक्षय ऊर्जा) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने बड़ा फैसला किया है। RERC के नए आदेश से जहां उपभोक्ता पैसे कमाएगा वहीं उत्पादित बिजली का प्रयोग एक माह तक कर सकेगा।

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Renewable Power Big decision

सस्ती बिजली (अक्षय ऊर्जा) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने बड़ा फैसला किया है। कैप्टिव पावर प्लांट प्रोजेक्ट में बनने वाली बिजली को अब एक माह में कभी भी उपयोग में लिया सकेगा। अभी हर 15 मिनट में उत्पादित होने वाली बिजली उसी दौरान उपयोग लेने की बंदिश थी। वहीं, रिन्यूएबल एनर्जी आधारित इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन प्रोजेक्ट में ट्रांसमिशन व्हीलिंग चार्ज में 100 प्रतिशत छूट दी गई है। अभी यह चार्ज 2 रुपए प्रति यूनिट था। इससे इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बढ़ेंगे और वाहन चालकों को भी चार्जिंग के लिए कम पैसे देने होंगे। इसके अलावा प्रोजेक्ट क्षमता से 25 प्रतिशत अधिक रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन पर पेनल्टी लगती थी, उसे भी हटा दिया गया है। अब ग्रीन एनर्जी टैरिफ भी तय होगा।

राजस्थान सोलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील बंसल ने इसे प्रदेश में रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम बताया है।



1- थ्री टियर बेनिफिट ...

अब तक कैप्टिव पावर प्लांट से हर 15 मिनट में उत्पादित होने वाली सोलर एनर्जी (75 प्रतिशत तक) को उसी समय उपयोग करने की बंदिश थी। ऐसा न होने पर वह डिस्कॉम के ग्रिड में चली जाती थी और निवेशक को उस बिजली का न पैसा मिलता था और न ही वह उपयोग कर पाता था। इसमें इंटरास्टेट (अंतरराज्यीय) प्रोजेक्ट शामिल हैं। राजस्थान में ऐसे 300 मेगावाट क्षमता के प्रोजेक्ट हैं। अब 15 मिनट ब्लॉक में उपयोग करने की बंदिश हटा दी है। बिजली को एक माह तक कभी भी उपयोग (वीक ऑवर को छोड़कर) में ले सकेंगे। एक माह बाद भी पूरी बिजली उपयोग नहीं हुई तो एक साल तक छूट मिलेगी, हालांकि इस दौरान 8 प्रतिशत पैसा कट जाएगा।राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने फैसला लिया है कि ईवी चार्जिंग स्टेशन पर ट्रांसमिशन व्हीलिंग चार्ज में अब 100 प्रतिशत छूट मिलेगी, साथ ही ग्रीन एनर्जी टैरिफ तय होगा।

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2. इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन

अभी तक- इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन के लिए ओपन एक्सेस से लेने पर ट्रांसमिशन व्हीलिंग चार्ज करीब 2 रुपए प्रति यूनिट लगता था।

अब यह- ट्रांसमिशन व्हीलिंग चार्ज में 100 प्रतिशत छूट मिलेगी। यानि, रिन्यूएबल एनर्जी आधारित स्टेशन लगाने पर फायदा होगा।

3- डिस्कॉम की रोक-टोक खत्म

अभी तक-सोलर या विंड एनर्जी प्लांट लगाने वालों पर बंदिश है कि कुल प्लांट क्षमता के 25 प्रतिशत से ज्यादा उत्पादन नहीं करें। इससे ज्यादा पर पेनल्टी लगती थी। डिस्कॉम ज्यादा उत्पादन पर रोक-टोक भी करता है। अब ऐसी कोई तकनीक है, जिससे प्रोजेक्ट क्षमता तक उत्पादन हो सकता है तो उत्पादक उतनी बिजली बना सकेगा।

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पम्प या बैटरी स्टोरेज के साथ प्लांट लगाने पर व्हीलिंग चार्ज पर 75 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

ग्रीन टैरिफ : रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने वाले निेवेशक, उपभोक्ताओं के लिए अलग से ग्रीन टैरिफ का निर्धारण होगा।

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