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गत वर्ष की तुलना में कम आईं पतंग इस बार 2000 हजार से अधिक पतंगें मेट्रो ट्रेन की विद्युत लाइन से उलझी, जो गत वर्ष की तुलना में आधी से भी कम हैं। पिछले साल पांच हजार पतंगें मेट्रो ट्रेन के ट्रेक पर आई थीं और 13 बार मेट्रो की विद्युत लाइन में ट्रिपिंग हुई थी।
गत वर्ष की तुलना में कम आईं पतंग इस बार 2000 हजार से अधिक पतंगें मेट्रो ट्रेन की विद्युत लाइन से उलझी, जो गत वर्ष की तुलना में आधी से भी कम हैं। पिछले साल पांच हजार पतंगें मेट्रो ट्रेन के ट्रेक पर आई थीं और 13 बार मेट्रो की विद्युत लाइन में ट्रिपिंग हुई थी।
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मेट्रो ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को सोमवार को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए पिछली रात में मेट्रो प्रशासन ने व्यवस्था दुरुस्त कर दी। रात में 2000 से अधिक पतंगों और तारों में उलझे मांझे को प्रशिक्षित टीम ने हटाया। मेट्रो ट्रेन कॉरिडोर के दोनों ओर करीब 1500 घरों में जाकर मेट्रोकर्मियों ने पम्फलेट बांटे थे और लोगों से मेट्रो रेल मार्ग की ओर पतंगबाजी करने से बचने की बात कही थी।
मेट्रो ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को सोमवार को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए पिछली रात में मेट्रो प्रशासन ने व्यवस्था दुरुस्त कर दी। रात में 2000 से अधिक पतंगों और तारों में उलझे मांझे को प्रशिक्षित टीम ने हटाया। मेट्रो ट्रेन कॉरिडोर के दोनों ओर करीब 1500 घरों में जाकर मेट्रोकर्मियों ने पम्फलेट बांटे थे और लोगों से मेट्रो रेल मार्ग की ओर पतंगबाजी करने से बचने की बात कही थी।
यह भी पढें : विवादों के चलते उपचुनाव में भाजपा के लिए मुश्किल हुआ सफर पांच जनवरी से 14 जनवरी तक 21 बार 20 से 40 सेकेंड तक मेट्रो ट्रेन रुकी। वहीं नौ ट्रेनों की छतों पर बिजली की फ्लेशिंग के साथ नुकसान भी हुआ है।
–सीएस जीनगर, निदेशक परिचालन, जयपुर मेट्रो
–सीएस जीनगर, निदेशक परिचालन, जयपुर मेट्रो