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‘नागरिक पहले, गरिमा और न्याय पहले’ पुलिस का हो आदर्श वाक्य… डीजीपी राजीव शर्मा का स्पष्ट संदेश

डीजीपी शर्मा ने पदभार ग्रहण करने के बाद राजस्थान पत्रिका से विशेष बातचीत में स्पष्ट संदेश दिया, ‘जो अच्छा काम करेगा, उसका समान होगा, लेकिन विभाग की छवि खराब करने वालों को सजा तय है।’

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राजस्थान पुलिस के नवनियुक्त डीजीपी राजीव शर्मा, पत्रिका फोटो

मुकेश शर्मा

जयपुर. राजस्थान के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार शर्मा ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में पदभार ग्रहण किया। इससे पहले उन्होंने पुलिस परेड की सलामी ली और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की।

डीजीपी शर्मा ने पदभार ग्रहण करने के बाद राजस्थान पत्रिका से विशेष बातचीत में स्पष्ट संदेश दिया, ‘जो अच्छा काम करेगा, उसका सम्मान होगा, लेकिन विभाग की छवि खराब करने वालों को सजा तय है।’ उन्होंने कहा कि ‘नागरिक पहले, गरिमा और न्याय पहले’ पुलिस का आदर्श वाक्य होना चाहिए। उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों से अपेक्षा जताई कि वे पूरी निष्ठा, संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता से अपना कार्य करें।

नवनियुक्त डीजीपी राजीव शर्मा से बातचीत के मुख्य अंश

जवाब: राज्य के दूरदराज ग्रामीण थानों में भी ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि साइबर अपराध के शिकार व्यक्ति को एक थाने से दूसरे थाने भटकना न पड़े। चाहे थाना शहरी हो या ग्रामीण, हर जगह पीड़ित की बात सुनी जाएगी और उसे राहत दिलाने की कोशिश की जाएगी। ठगी की गई राशि वापस दिलाने के लिए भी सक्रिय प्रयास होंगे। साथ ही, साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

- आमजन के लिए प्रभावी पुलिसिंग के लिए क्या प्राथमिकता होगी?
जवाब: थाने और चौकियों को नागरिकों के अनुकूल बनाना प्राथमिक लक्ष्य होगा। हर पुलिसकर्मी संवेदनशील, व्यवहारकुशल और जवाबदेह होना चाहिए। ग्रामीण हो या शहरी-हर परिवादी की बात गंभीरता से सुनी जाएगी।

- नए तरह के अपराधों पर रोकथाम को लेकर क्या योजना है?
जवाब: साइबर अपराधों की बढ़ती चुनौती के मद्देनजर थाने स्तर पर ही कड़ी जवाबदेही तय की जाएगी। हर थाना साइबर अपराध की रोकथाम में सक्रिय भूमिका निभाएगा।

- बीट पुलिसिंग को लेकर आपका नजरिया?
जवाब: बीट व्यवस्था को मजबूत और जवाबदेह बनाया जाएगा। बीट प्रभारी को अपने क्षेत्र के लोगों से ऐसे जुड़ना होगा जैसे वह उसी समुदाय का हिस्सा हो।

- पुलिसकर्मियों पर काम का दबाव ज्यादा है, छुट्टियां नहीं मिलतीं, इस पर क्या कहेंगे?
जवाब: यह गंभीर विषय है। पुलिसकर्मियों को समय पर अवकाश, मूलभूत सुविधाएं और परिवार के लिए सहयोग देना हमारी जिम्मेदारी है। उनके बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी सहायता दी जाएगी ताकि वे भी उच्च पदों तक पहुंच सकें।