7 हजार 500 नम्बर का है सर्वेक्षण
जानकारी के मुताबिक स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 के लिए कुल अंक 7 हजार 500 तय किए गए हैं। जिसमें 3 हजार नम्बर सर्विस लेवल प्रोगेस के, 2250 नम्बर सर्टिफिकेशन के तथा 2250 नम्बर सिटीजन वाईस के तय किए हैं। इसके साथ ही वार्ड वाईज अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। कर्मचारियों की उपस्थिति एवं निर्धारित गणवेश की जांच, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, कचरा डिपो का नियमित और समयबद्ध उठाव, मिट्टी मलबा, गंदगी की तत्काल सफाई, गंदगी फैलाने वालों के विरूद्ध कैंरिग चार्ज लगाने सहित विभिन्न कार्य करवाने हैं। इसके साथ ही प्रभारी अधिकारी एवं निगम कार्मिकों को स्वच्छता एप डाउनलोड करवाकर आमजन से फीडबैक भी दिलवाना है।
जानकारी के मुताबिक स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 के लिए कुल अंक 7 हजार 500 तय किए गए हैं। जिसमें 3 हजार नम्बर सर्विस लेवल प्रोगेस के, 2250 नम्बर सर्टिफिकेशन के तथा 2250 नम्बर सिटीजन वाईस के तय किए हैं। इसके साथ ही वार्ड वाईज अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। कर्मचारियों की उपस्थिति एवं निर्धारित गणवेश की जांच, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, कचरा डिपो का नियमित और समयबद्ध उठाव, मिट्टी मलबा, गंदगी की तत्काल सफाई, गंदगी फैलाने वालों के विरूद्ध कैंरिग चार्ज लगाने सहित विभिन्न कार्य करवाने हैं। इसके साथ ही प्रभारी अधिकारी एवं निगम कार्मिकों को स्वच्छता एप डाउनलोड करवाकर आमजन से फीडबैक भी दिलवाना है।
गीले और सूखे कचरे को करें अलग
नगर निगम ग्रेटर जयपुर महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में ग्रेटर जयपुर को बेहतरीन स्थान पर लाने के लिए आमजन की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। लोग अपने घरों पर गीले एवं सूखे कचरे को अलग-अलग कचरा पात्रों में रखें और कचरा संग्रहण करने वाले हूपर में निर्धारित जगह पर ही डालें। हालांकि हूपर नहीं आने की शिकायतों के निस्तारण के लिए पूरी तैयारी हो चुकी है। गीले कचरे में रसोई का कचरा जैसे सब्जियां/फलों के छिलके, बचा हुआ पका भोजन, अंडे के छिलके, टी बैग आदि शामिल हैं। सूखे कचरे में कागज की रद्दी, पेपर कप प्लेट, प्लास्टिक कवर/बोतल आदि शामिल हैं। उद्यान अपशिष्ट जैसे गिरी हुई पत्तियां, घास, पूजा के फूल मालाएं भी गीले कचरे में शामिल है, इसे जलाए नहीं बल्कि लॉन के एक हिस्से में इससे कम्पोस्ट तैयार करें। सर्वेक्षण में बेहतरीन कार्य करने वाले अधिकारी, कार्मिकों को पुरस्कृत किया जाएगा।
नगर निगम ग्रेटर जयपुर महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में ग्रेटर जयपुर को बेहतरीन स्थान पर लाने के लिए आमजन की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। लोग अपने घरों पर गीले एवं सूखे कचरे को अलग-अलग कचरा पात्रों में रखें और कचरा संग्रहण करने वाले हूपर में निर्धारित जगह पर ही डालें। हालांकि हूपर नहीं आने की शिकायतों के निस्तारण के लिए पूरी तैयारी हो चुकी है। गीले कचरे में रसोई का कचरा जैसे सब्जियां/फलों के छिलके, बचा हुआ पका भोजन, अंडे के छिलके, टी बैग आदि शामिल हैं। सूखे कचरे में कागज की रद्दी, पेपर कप प्लेट, प्लास्टिक कवर/बोतल आदि शामिल हैं। उद्यान अपशिष्ट जैसे गिरी हुई पत्तियां, घास, पूजा के फूल मालाएं भी गीले कचरे में शामिल है, इसे जलाए नहीं बल्कि लॉन के एक हिस्से में इससे कम्पोस्ट तैयार करें। सर्वेक्षण में बेहतरीन कार्य करने वाले अधिकारी, कार्मिकों को पुरस्कृत किया जाएगा।