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लंपी रोग पर सीएम गहलोत का ओपन संवाद, बोले- जल्द पाएंगे नियंत्रण

पशुओं में महामारी का रूप ले चुके लंपी रोग की रोकथाम में सुझाव लेने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को अपने आवास पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जनप्रतिनिधियों से ओपन संवाद किया।

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CM ashok Gehlot open dialogue on Lumpy skin disease

जयपुर। पशुओं में महामारी का रूप ले चुके लंपी रोग की रोकथाम में सुझाव लेने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को अपने आवास पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जनप्रतिनिधियों से ओपन संवाद किया। ओपन संवाद में विधायक, जिला प्रमुख, महापौर, प्रधान, पंचायत और निकायों के जनप्रतिनिधि शामिल हुए। ओपन संवाद का सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर लाइव प्रसारण भी हुआ।

ओपन संवाद में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार लम्पी डिजीज पर नियंत्रण पाने के लिए कार्य कर रही है। यह बीमारी लगभग 15 जिलों में फैल चुकी है, अब हमारी प्राथमिकता यह है कि सभी आमजन, जनप्रतिनिधि तथा विपक्ष के सहयोग से इस बीमारी को और अधिक जिलों में फैलने से रोका जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लम्पी स्किन रोगी मृत पशुओं के निस्तारण के संबंध में जिला कलक्टर्स को दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। सभी जिलों में कंट्रोल रूम भी स्थापित किए जा चुके हैं। उन्हांने आयुर्वेद विभाग से सुझाव लेकर देशी इलाज के गाइडलाइन जारी करने के निर्देश मुख्य सचिव को दिए। साथ ही, रोग को लेकर आमजन में फैल रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए गांव-ढाणी तक जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि गौशालाओं की साफ-सफाई, सोडियम हाइपोक्लोराइट के छिड़काव, फोगिंग तथा जेसीबी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।

यह भी पढ़ें : लंपी रोग की समीक्षा बैठक, सीएम गहलोत ने बिना टेंडर दवाईयां खरीदने के दिए निर्देश

प्रदेशवासियों से मांगे सुझाव
गहलोत ने प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे सरकार को लिखित में अथवा 181 पर इस रोग से बचाव तथा उपचार के सुझाव दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि लम्पी स्किन रोग की रोकथाम के लिए सभी जिला कलक्टर्स को जरूरत पड़ने पर बिना टेंडर दवाईयां खरीदने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। युद्धस्तर पर इस महामारी के उपचार एवं रोकथाम के लिए पुख्ता प्रबन्ध करने के निर्देश दिए हैं।

राज्य सरकार हर पशुपालक के साथ खड़ी है और सभी के सहयोग से इस संक्रमण से जल्द निजात पा सकेंगे। गहलोत ने कहा कि मुख्यतः प्रभावित जिले श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, नागौर, पाली, बीकानेर, जैसलमेर, बाडमेर, सिरोही, जालौर व जोधपुर में संक्रमण व मृत्यु दर में कमी आई है। साथ ही, जयपुर, अजमेर, सीकर, झुंझंुनू व उदयपुर में स्थिति पर निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि रोगी मृत पशुओं के निस्तारण से ही संक्रमण का रूकना संभव है। इस कार्य में पंचायत स्तर तक के जनप्रतिनिधियों की अहम भूमिका है। गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि कोरोना महामारी के समय किए गए प्रबंधन के समान ही अब पूरा प्रबंधन किया जा रहा है तथा राज्य सरकार इस बार भी अपने प्रयासों में सफल होगी।

सांसद देवजी पटेल ने राज्य सरकार के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए बीमारी के आयुर्वेद ईलाज के विकल्प की ओर भी ध्यान देने की बात कही। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भी राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रभावी प्रबंधन की सराहना की। साथ ही, गौशालाओं में आइसोलेशन एवं क्वारंटीन की सुविधा उपलब्ध करवाने का सुझाव दिया।

वीसी के माध्यम से जुड़े कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि रोग के प्रभावी रोकथाम के लिए प्रदेश के सभी जिलों में लगातार मॉनिटरिंग जारी है। इसके परिणामस्वरूप रिकवरी रेट बढ़ रही है तथा मृत्यु दर कम हो रही है। पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि संकट की घड़ी में पक्ष हो या विपक्ष सभी को एकजुट होकर गौवंश में फैल रही बीमारी से संकल्पबद्ध होकर लड़ना है।