scriptअनिवार्य रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक 2021 : राठौड़ बोले देर आए दुरुस्त आए , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धन्यवाद | Cm Ashok Gehlot Power Crisis Due Mismanagement Rajendra Rathore Jaipur | Patrika News

अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक 2021 : राठौड़ बोले देर आए दुरुस्त आए , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धन्यवाद

locationजयपुरPublished: Oct 12, 2021 05:28:57 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने विधानसभा सत्र में पारित राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक 2021 पर गहलोत सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि देशव्यापी स्तर पर हो रही सरकार की आलोचनाओं, विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा विरोध तथा राज्यपाल द्वारा टिप्पणी कर इसे वापस भेजने के बाद सरकार को अब यू-टर्न लेना ही पड़ा।

अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक 2021 : राठौड़ बोले देर आए दुरुस्त आए , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धन्यवाद

अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक 2021 : राठौड़ बोले देर आए दुरुस्त आए , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धन्यवाद

जयपुर।

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने विधानसभा सत्र में पारित राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक 2021 पर गहलोत सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि देशव्यापी स्तर पर हो रही सरकार की आलोचनाओं, विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा विरोध तथा राज्यपाल द्वारा टिप्पणी कर इसे वापस भेजने के बाद सरकार को अब यू-टर्न लेना ही पड़ा। राठौड़ ने कहा कि देर आए दुरुस्त आए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धन्यवाद देना चाहूंगा जिन्होंने आखिरकार इस बिल को वापस लेने का निर्णय किया है। अगर कांग्रेस सरकार ने इस बिल के संबंध में कानूनी राय और अध्ययन वक्त रहते पहले ही किया होता, तो आज सरकार के समक्ष बिल को लेकर इस तरह से यू-टर्न लेने की नौबत नहीं आती।
गहराते बिजली संकट से सरकार को कोई लेना देना नहीं

राठौड़ ने बिजली संकट पर कहा कि गहराते बिजली संकट से सरकार को कोई लेना देना नहीं है। कोल इंडिया के चेयरमैन का यह बयान कि पिछले एक साल से राजस्थान के किसी भी डिस्कॉम ने कोयला खरीदा ही नहीं है और करीब 600 करोड़ रुपए का बकाया होना सरकार के कुप्रबंधन और नाकामी को स्पष्ट उजागर कर रहा है। निजी कोयला उत्पादन कंपनियों को समय पर पैसा नहीं चुकाने के कारण कंपनियों ने कोयले की आपूर्ति प्रदेश में बंद कर दी है और राजस्थान के थर्मल पावर एक के बाद एक दम तोड़ रहे हैं।
दलित युवक की हत्या सरकार के माथे पर कलंक

राठौड़ ने जालोर में युवक के साथ बेरहमी से मारपीट तथा पाली में महिला की बर्बरतापूर्ण पिटाई की घटनाएं राज्य सरकार के माथे पर कलंक करार दिया है। उन्होंने कहा कि एनसीआरबी 2020 के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार दलितों के खिलाफ अत्याचार में राजस्थान देश में तीसरे स्थान पर है। प्रदेश में वर्ष 2019 में जहां 6794 मामले दर्ज हुए वहीं 2020 में 7017 मामले दर्ज हुए हैं। राजस्थान में दलितों के साथ अत्याचार का वर्ष-दर-वर्ष बढ़ना चिंताजनक है। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी गृह विभाग के मुखिया के रूप में पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो