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CM भजनलाल ने झालावाड़ हादसे पर ली उच्चस्तरीय बैठक, 5 दिन में सभी विभागों के जर्जर भवनों की रिपोर्ट सौंपने के निर्देश

Jhalawar School Tragedy: झालावाड़ जिले में सात बच्चों की मौत को लेकर सीएम भजनलाल शर्मा ने उच्च स्तरीय बैठक ली। बैठक में उन्होंने पांच दिन के अंदर सभी विभागों के जीर्ण-शीर्ण भवनों की रिपोर्ट तैयार करने को कहा।

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जयपुर

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Arvind Rao

Jul 26, 2025

Jhalawar School Tragedy
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बैठक लेते हुए सीएम भजनलाल शर्मा (फोटो-एक्स)

Jhalawar School Tragedy: जयपुर: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर झालावाड़ जिले के पीपलोदी ग्राम के सरकारी स्कूल में हुए हादसे के संबंध में उच्च स्तरीय बैठक ली। उन्होंने समस्त जिलों के जिला प्रशासन, सार्वजनिक निर्माण विभाग, कार्यकारी एजेंसी, समसा एवं आरएसआरडीसी सहित संबंधित विभागों को निर्देश दिए।


सीएम भजनलाल शर्मा ने निर्देश दिए कि सभी सरकारी भवनों, विशेष रूप से स्कूलों, अस्पतालों सहित अन्य सार्वजनिक भवनों का तत्काल निरीक्षण कर मरम्मत कार्य करवाए जाएं। इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाए, जो 5 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।


सीएम ने नाराजगी जताई


सीएम भजनलाल ने बैठक में बारां, अलवर, सीकर कलेक्टरों से कुछ मामलों को लेकर नाराजगी जताई। सीएम ने कहा कि जर्जर भवनों को तुरंत खाली करवाया जाए और प्रभावितों का अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास किया जाए।


राष्ट्रपति और राज्यपाल ने जताया दुख


झालावाड़ जिले में स्कूली बच्चों की मौत पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु व कई बड़े नेताओं ने दु:ख प्रकट किया है। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि हादसे में कई विद्यार्थियों की मृत्यु और घायल होने का समाचार अत्यंत दुखद है। ईश्वर शोक संतप्त परिवारजनों को यह पीड़ा सहन करने की शक्ति प्रदान करें।


राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, प्रेम चंद बैरवा सहित कई नेताओं ने भी दु:ख जताते हुए घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।


सात बच्चों की हुई मौत


झालावाड़ के पीपलोदी गांव में शुक्रवार सुबह एक सरकारी स्कूल की जर्जर इमारत की छत ढहने से 7 बच्चों की दुखद मौत हो गई थी। जबकि 28 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के समय स्कूल में 60 बच्चे मौजूद थे, जिनमें से 35 मलबे में दब गए।


स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू कर बच्चों को मलबे से निकाला और नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। मनोहरथाना अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद 25 गंभीर घायलों को झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर किया गया। इस त्रासदी ने प्रदेश में स्कूलों की जर्जर इमारतों की समस्या को फिर से उजागर किया है।