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Rajasthan News: सीएम गहलोत ने किए ये एलान, मिलेगा कई ज़िलों को फ़ायदा

Rajasthan Assembly Election 2023 : 'सियासी संग्राम' के बीच सीएम गहलोत ने कर दी बड़ी घोषणाएं, कई ज़िलों को राहत मिलना तय  

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CM Gehlot

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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी राहतों और घोषणाओं का सिलसिला जारी रखा। उन्होंने कई नई घोषणाएं कीं जिनमें पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर भी बड़ा एलान किया। उन्होंने इस योजना के तहत रामगढ़ बांध में पानी लाने की बात कही साथ ही ईआरसीपी से वंचित रहे बांधों को भी इसमें शामिल करने का ऐलान कर दिया। मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं से कई ज़िलों-ब्लॉक्स को फ़ायदा मिलने की संभावनाएं बन गई हैं।

ईसरदा बांध से रामगढ़ को मिलेगा पानी सीएम गहलोत ने कहा कि जयपुर की पहचान का एक अहम हिस्सा रामगढ़ बांध रहा है। समय के साथ बनी परिस्थितियों में रामगढ़ बांध सूखा रह गया और इसके अस्तित्व पर संकट आ गया। ऐसे में अब जयपुर की पहचान रहे रामगढ़ बांध को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के तहत ईसरदा बांध से भरा जाएगा। इस पर 1250 करोड़ रुपये खर्च किए होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नई घोषणा से जयपुर जिले के आंधी, जमवारामगढ़, आमेर, जालसू, गोविन्दगढ़, शाहपुरा, विराटनगर, पावटा, कोटपूतली ब्लॉक एवं अलवर जिले के थानागाजी और बानसूर ब्लॉक्स के लिए पेयजल योजना बनाई जा सकेगी।

ईआरसीपी से जुड़ेंगे 53 बांध
सीएम गहलोत ने कहा कि 13 जिलों के लिए महत्वपूर्ण पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा जो डीपीआर बनाई गई थी, उसमें 26 बांध शामिल किए गए थे। ऐसे में इस डीपीआर से कई बांध वंचित रह गए थे। अब सरकार योजना से वंचित दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, भरतपुर एवं अलवर जिले के 53 बांधों को भी ईआरसीपी योजना से जोड़कर उन्हें भरेगी। इससे ईआरसीपी परियोजना लागत 1665 करोड़ रुपये बढ़ जाएगी, लेकिन इससे 13 विधानसभा क्षेत्रों के करीब 11 लाख किसान लाभान्वित होंगे।

विभिन्न संगठन कर रहे थे मांग
गौरतलब है कि पिछले दिनों ईआरसीपी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम गहलोत से उनके निवास पर मुलाक़ात की थी। मोर्चे के पदाधिकारियों ने बताया था कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय दर्जा दिलाए जाने के लिए जन आंदोलन और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसके बाद सीएम ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया था कि केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किए जाने पर भी राज्य सरकार द्वारा बजट प्रावधान कर प्रथम चरण के कार्य शुरू करा दिए गए है। मुख्यमंत्री ने संयुक्त मोर्चा के ज्ञापन का संज्ञान लेते हुए जल्द ही परीक्षण कराकर सभी मांगों समाधान कराने के लिए आश्वस्त किया था।

सीएम अशोक गहलोत ने तब एक बार फिर दोहराते हुए कहा था कि केंद्र सरकार को शीघ्र ही ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करना चाहिए। अनावश्यक देरी से परियोजना की लागत बढ़ेगी और क्षेत्रवासी परियोजना के लाभ से वंचित होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने के लिए केंद्र सरकार से लगातार मांग की जा रही है।

इधर किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर के नेतृत्व में भी किसान मोर्चा राजस्थान के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से 6 अगस्त को मुलाक़ात की थी। प्रतिनिधिमंडल ने ईआरसीपी के डीपीआर के प्रस्तावित मार्ग में संशोधन कर पानी के संकट से परेशान दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, भरतपुर, अलवर व जयपुर ज़िलों को प्राथमिकता देकर जलाशयों की जलापूर्ति की करने का आग्रह किया था, जिससे इन ज़िलों के किसानों को खेतों की सिंचाई और पीने का पानी की उपलब्धता हो सके।